भीम बहादुर पुन का पूरे सैन्य सम्मान के साथ सुबाथू में हुआ अंतिम संस्कार
सैंकड़ों लोगों ने नम आंखों से दी शहीद को भावभीनी श्रद्धांजलि
हिमाचल दस्तक, सुरेंद्र शर्मा। सुबाथू
जम्मू-कश्मीर क्षेत्र में वीरगति को प्राप्त हुए शहीद भीम बहादुर का पार्थिव शरीर रविवार को सुबह चंडीगढ़ से सेना के वाहन में 9 बजे उनके पैतृक निवास नयानगर पहुंचा तो पूरे गांव में मातम छा गया। शहीद के माता-पिता ने अपने लाडले के अंतिम दर्शन किए। उसके बाद नयानगर से सुबाथू तक तिरंगे में लिपटे हुए पार्थिव शरीर को सेना के वाहन में लाया गया और उसके बाद बाजार से होते हुए शमशान घाट ले जाया गया।
शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए सुबाथू बाजार बंद रहा और शहीद के पार्थिव शरीर को सेना के पाइप बैंड की मातमी धुन के साथ शमशान घाट ले जाया गया। सेना के जवानों और स्थानीय लोगों ने भीम बहादुर पुन अमर रहे, जब तक सूरज चांद रहेगा भीम तेरा नाम रहेगा, भारत माता की जय के नारे लगाए। पार्थिव शरीर पर फूल बरसाए। शहीद के पिता ने अपने लाडले का पिंड दान किया और नम आंखों से मुखाग्नि दी। उस समय शहीद की धर्मपत्नी और बहन विलख-विलख कर रो पड़ी।
जवानों ने 24 राउंड फायरिंग कर दी अंतिम सलामी
शहीद भीम बहादुर पुन को सेना द्वारा 24 राउंड फायरिंग की सलामी दी गई। जैसे ही भीम बहादुर का पार्थिव शरीर पेतृक गांव में पहुंचा तो सेना के जवानों द्वारा उनकी शहादत को हमेशा याद रखे जाने के लिए 24 राउंड फायरिंग की सलामी दी गई।
पर्थिव शरीर गांव पहुंचनें पर रो पड़ा पूरा सुबाथू
जैसे ही भीम बहादुर का पार्थिव शरीर रविवार को सुबाथू पहुंचा तो पूरा सुबाथू क्षेत्र रो पड़ा। हजारों की संख्या में लोग भीम बहादुर के अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे। लोगों ने शहीद के सम्मान में जोरदार नारे लगाए। जैसे ही शहीद के शव को सेना की गाड़ी से उतारा गया। उनकी धर्म पत्नी मेताली पुन, उनकी बहन निधि पुन, उनकी माता मालती देवी व पिता विजय बहादुर सहित रिश्तेदारों की चीख पुकार सुनकर पूरा सुबाथू रोने लगा।
बता दे कि शहीद भीम बहादुर के अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे रिश्तेदार महिलाएं जोर-जोर से रो रही थीं। एक-दूसरे को ढांढ़स भी बंधा रही थी। गांव के स्थानीय लोगों का कहना था कि भीम बहादुर बहुत मिलनसार व खुशमिजाज लड़का था। गांव के हर किसी की मदद करता था। गौर रहे कि भीम बहादुर का पर्थिव का शरीर चार दिन के बाद पैतृक गांव पहुंचा। खराब मौसम के कारण पार्थिव शरीर श्रीनगर में ही फंस गया था। ऐसे में चार दिन से परिजन भीम बहादुर के पार्थिव शरीर का ब्रेसब्री से इंतजार कर रहे थे। रविवार को जैसे ही सुबह के समय पर्थिव शरीर पहुंचा तो परिजनों की सब्र का बांध टूट गया और वह फूट- फूट कर रोनें लगे।
इन्होंने दी भावभीन श्रंद्वाजलि
14 गोरखा प्रशिक्षण केंद्र सुबाथू के कमांडेंट ब्रिगेडियर एचएस संधू, सुबाथू कैंट बोर्ड के सीइओ दिवांशु चौधरी व अन्य सैन्य अधिकारी, दून के विधायक परमजीत सिंह पम्मी, विनोद सुल्तानपुरी, एसडीएम सोलन रोहित राठौर, डीएसपी परवाणु, एसएचओ धर्मपुर, नायब तहसीलदार कुठाड़, सैनिक कल्याण बोर्ड सोलन सिरमौर के उपनिदेशक मेजर दीपक धवन, विनोद मारवाह, रवि शर्मा व स्थानीय संस्थाओं के प्रधान व स्थानीय लोगों ने शहीद के परिजनों के अलावा सैंकड़ों लोगों ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा सहकारिता मंत्री डॉ. राजीव सैजल ने भी श्रद्वांजलि
सोलन जिला के सुबाथू के सैनिक भीम बहादुर पुन की रविवार को सुबाथु में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि की गई। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा सहकारिता मंत्री डॉ. राजीव सैजल ने कृतज्ञ प्रदेशवासियों की ओर से शहीद सैनिक को श्रद्धाजंलि अर्पित की।
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