अनूप शर्मा । बिलासपुर
इंसान चाहे दुनिया के किसी भी हिस्से में रहे। लेकिन उसे अपने वतन की मिटटी की खुशबू खुद खींच लाती हेै। जिसे कोरोनो जैसी वैश्विक महामारी में अपनों की चिंता हो ही जाती है। ऐसे में सात समुंदर पार बैठा बिलासपुर का एक युवक ऐसा भी है जिसे अपने रिश्तेदारों ,मित्रों की चिंता से ज्यादा पूरे बिलासपुर वासियों की चिंता है। जीं हां यहां बात हो रही बिलासपुर शहर से कुछ दूरी पर स्थित राजपुरा गांव नोआ के मंयक वैद्य की।
पेशे से मल्टीनेशनल कंपनी के सीनियर वकील मंयक वैद्य ने कोरोना महामारी के दौरान पीड़ित मानवता की सेवा के लिए अपने जिला बिलासपुर के लिए 24 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भेजे हैं। यह 24 आक्सीजन कंस्ट्रेटर मशीनें अगले सप्ताह बिलासपुर पहुंच जाएंगी। मंयक ने कुछ मशीनें हांगकांग से खरीदी जबकि कुछ चीन व अन्य देशों से अपने बिलासपुर के लिए मंगवाई।
मंयक ने बताया कि इस मेडीकल सामग्री को हांगकंाग से भारत के लिए भेज दिया है तथा कुछ ही दिनों में यह बिलासपुर पहुंच जाएंगी। मंयक का मानना है कि इस संकट के दौर में यदि वह अपने लोगों को कुछ राहत दे सके या कुछ भी उनकी सेवा कर सके तो उनके लिए यह बड़ी बात होगी। मंयक वैद स्वर्गीय अशोेेक वैद्य सेवानिवृत डीआईजी बीएसएफ तथा माता समाजसेवी नीरू वैद्य के छोटे बेटे हैं इनके बड़े भाई अमेरिका विश्वविद्यालय में प्रोफैसर हैं। इनकी शादी हांगकांग में ही थैरेसा से हुई इनके तीन बेटे हैं।
मयंक वैद्य ने 463 किलोमीटर एंडुरोमन रेस जीतकर वल्र्ड रिकार्ड बनाया है। ऐसी उपलब्धि हासिल करने वाले मंयक पहले भारतीय बने हैं। यहीं नहीं इसके अलावा इन्होंने तैराकी स्पर्धा मंे भी कई चैनल पार किए हैं। बहरहाल सात समुंदर दूर बैठकर अपनों की चिंता करने वाले इस युवा की जितनी तारीफ की जाए कम है।
मंयक वैद के भाई लक्ष्य वैद्य ने आक्सीजन कंस्टेटर भारत आने की पुष्टि करते हुए बताया कि कुछ ही दिनों में यह मैडीकल सामान बिलासपुर पहुुंच जाएगा तथा उसे जिला अस्पताल व कोविड.सेंटर जहां जरूरत होगी भेज दिया जाएगा।