आशा शर्मा । घुमारवीं
विकास आर्थिक विद्यार्थी जिला संयोजक हनी शर्मा ने जानकारी देते हुए कहा कि । विकासार्थ विद्यार्थी , स्टूडेंट्स फॉर डेवलपमेंट, (SFD) आर्थिक, भौतिक, जल संरक्षण और प्रबंधन, प्लास्टिक रीसाइक्लिंग, प्लास्टिक के उपयोग पर प्रतिबंध, वन संरक्षण, आदि मुद्दों की तरफ ध्यान आकृष्ट कराता आया है। वे जल, जंगल, जानवर, जन के संरक्षण के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। पर्यावरण संरक्षण, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता, वैकेल्पिक ऊर्जा के स्रोत, वृक्षारोपण, जल संचयन, अनुभूति आदि विषयों पर जागरूकता के साथ–साथ सामाजिक मुद्दों पर भी सिएफडी मुखर रहती है। इस उद्देश्य के साथ 1990 में विकासार्थ विद्यार्थी रूपी आयाम की स्थापना हुई।
उन्होंने कहा कि विकासार्थ विद्यार्थी इस ज्ञापन के माध्यम से ध्यान उन पशुओं वबेसहारा गाय की तरफ ले जाना चाहता है ,जिसे आवारा रास्तों में छोड़ा गया है तथा जो दिन रात भरी गर्मी बरसात व ठिठुरती हुई ठंड में सड़कों पर ही रहते हैं। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि लोग ही अपने पालतू पशुओं को आवारा छोड़ देते हैं जिन पर टैग भी लगे हुए होते हैं।
बाजारों में जब ये पशु घूमते हैं तो इससे आम लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि कई बार इन पशुओं के कारण यातायात अवरुद्ध होता है तो कई बार ये पशु किसी दुर्घटना का भी शिकार बन जाते हैं। विकासार्थ विद्यार्थी ने मुख्यमंत्री से यह मांग की है कि जल्द से जल्द इन आवारा पशुओं के लिए गौशाला का निर्माण किया जाए या इन्हें पहले से निर्मित गौ सदनों में छोड़ा जाए, जहां इनका ध्यान रखा जाए।
उन्होंने कहा कि लोग अपने पशुओं विषेषत गाय या बैल को इस तरह बेसहारा कर देते हैं उनके खिलाफ सख्त कानून बनाए जाएं तथा उन्हें जल्द से जल्द लागू भी किया जाए ताकि बेसहारा पशुओं की संख्या कम हो सके । गाय जो हमारे लिए पूजनीय है इस तरह दयनीय स्तिथि में इनकी मृत्यु न हो। इस विषय को लेकर कोई कड़ा संज्ञान नहीं लिया जाता है तो विकासार्थ विद्यार्थी पूरे हिमाचल प्रदेश में जन जागरण अभियान छेड़ेगी