शैलेश सैनी। नाहन
सिरमौर जिले में कोरोना संकटकाल में किसानों का पशुधन जहां सफेद सोना साबित हो रहा है तो वहीँ संकटकाल में प्रदेश सरकार का मिल्कफेड संकट मोचन साबित हुआ है।
जिला सिरमौर के करीब 1500 किसानों का दूध खरीद कर उनका पैसा सीधे ऑनलाइन उनके खातों में पहुंचा भी दिया जाता है। प्रदेश में जहां कोरोना कर्फ्यू लगा हुआ है और पब्लिक ट्रांसपोर्ट बंद है। रोजगार मिल भी नहीं मिल रहा है, ऐसे में जिला सिरमौर मिल्कफेड अपने उपभोक्ताओं को उनके घर तक दूध पहुंचा रहा है।
उपभोक्ताओं को घर बैठे ही शुद्ध पहाड़ी गाय का दूध मिल रहा है। जिला सिरमौर मिल्कफेड के तकनीकी अधीक्षक सुभाष ने बताया कि सिरमौर जिले में मिल्क फेडरेशन करीब 1500 किसानों से दूध कलेक्ट करता है। उन्होंने बताया कि किसानों से दूध खरीदने के बाद उसकी गुणवत्ता की जांच की जाती है। इसके बाद लोगों को दूध उपलब्ध करवाया जाता है।
उन्होंने बताया कि फेडरेशन के कर्मचारी दूध की होल डिलीवरी करवाई जाती है। फेडरेशन 1200 से 1400 लीटर दूध की होम डिलीवरी करता है। उन्होंने बताया कि मिल्क फेडरेशन को 4 चिलिंग प्लांट और 2 सोसायटियों से दूध की आपूर्ति होती है। उन्होंने बताया कि चिलिंग प्लांट राजगढ़, मरयोग, सराहां और बागथन से गाय का दूध आता है, जबकि पालियो और भेड़ो सोसायटियों से भैंस का दूध आता है। इन सभी स्थानों से शुद्ध मात्रा में दूध मिलता है। उन्होंने बताया कि चिलिंग प्लांट और सोसायटियों से आने वाले दूध की पहले गुणवत्ता जांची जाती है, उसके बाद उसे उपभोक्ताओं को सप्लाई किया जाता है।