शिमला: राज्य के मार्केटिंग बोर्ड एक्ट में हो रहे बदलाव को लेकर विधानसभा प्रवर समिति की सिफारिशें न मानने पर कृषि मंत्री डॉ. रामलाल मार्कंडेय ने अपने ही विभाग के शीर्ष अफसरों को लताड़ा है। समिति की मुख्य सिफारिश थी कि मार्केटिंग बोर्ड में अध्यक्ष मंत्री हो, लेकिन कृषि विभाग इसे नहीं मान रहा, क्योंकि सरकार ने बोर्ड में अध्यक्ष बलदेव भंडारी को लगाया हुआ है।
ऐसे में विभाग ने अपने स्तर पर ही इस बारे में कैबिनेट नोट बनाकर केस मंत्रिमंडल में भेजने की तैयारी की थी। चूंकि कैबिनेट मेें केस मंत्री के माध्यम से ही जाना था, इसलिए कृषि मंत्री ने सारी फाइल का अध्ययन करने के बाद सभी संबंधित अफसरों को अपने कार्यालय बुलाकर खूब खरी-खोटी सुनाई। मंत्रिमंडल की पिछली बैठक में भी इस मसले पर कुछ चर्चा हुई है। अब 24 फरवरी को होने वाली बैठक में इस मसले पर फैसला होने की उम्मीद है। इसे एजेंडे में रखा गया है।
सत्र के दौरान आने वाले कुछ अन्य विधेयक भी 24 की बैठक में रखे जा रहे हैं। दरअसल, किसानों और बागवानों की आय दोगुनी करने के लिए केंद्र सरकार के निर्देश पर बदले जा रहे राज्य मार्केटिंग बोर्ड एक्ट पर कृषि मंत्री का अपना ही विभाग ‘बागीÓ हो गया है। इस मसले पर विभाग विधानसभा की सिलेक्ट कमेटी की सिफारिशें भी मानने को तैयार नहीं। सिलेक्ट कमेटी ने ये सिफारिशें 13 दिसंबर, 2019 को धर्मशाला में हुए शीत सत्र के दौरान सदन में रखी हैं। झगड़े की वजह है एक मुख्य सिफारिश कि मार्केटिंग बोर्ड का चेयरमैन कृषि मंत्री को बनाया जाए। इस कमेटी के सभापति भी खुद कृषि मंत्री डॉ. रामलाल मार्कंडेय ही थे।
यह है झगड़े की वजह
सदन में 31 अगस्त, 2019 को रखे गए विधेयक में प्रावधान था कि बोर्ड का अध्यक्ष वह होगा, जिसे सरकार नियुक्त करेगी। उपाध्यक्ष सहित 20 अन्य सदस्यों का प्रावधान भी इसमें रखा गया है। सरकार ने पहले ही मार्केटिंग बोर्ड अध्यक्ष के पद पर सिरमौर से भाजपा नेता बलदेव भंडारी को नियुक्त किया हुआ है। लेकिन कृषि मंत्री चाहते हैं कि मार्केटिंग बोर्ड के अध्यक्ष भी वही हों। यही सिफारिश सिलेक्ट कमेटी ने भी कर दी, लेकिन इसे मानने के लिए अब कृषि विभाग तैयार नहीं।
देश के 16 राज्यों में मार्केटिंग बोर्ड के चेयरमैन मंत्री हैं। बोर्ड में वाइस चेयरमैन हो सकता है। विधानसभा में बोर्ड को लेकर जवाब मंत्री को देना होता है। एक्ट में संशोधन भारत सरकार के निर्देश पर हो रहा है और अब तक 18 राज्य इस एक्ट को अपना चुके हैं।
-डॉ. रामलाल मार्कंडेय, कृषि मंत्री