रोहित शर्मा। शिमला:
राज्य में शिक्षकों के 3636 पदों पर भर्ती का मसला दो महीने से नहीं सुलझ रहा है। कैबिनेट से 2 दिसंबर को मंजूर हुए इन पदों से संबंधित विवाद सुलझाने का समय ही किसी के पास नहीं है। शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज फरवरी के आखिरी सप्ताह से दिल्ली चुनाव प्रचार में वोट मांग रहे हैं। शिक्षा सचिव छुट्टी पर थे और अब लौटे हैं। लेकिन अब प्रारंभिक शिक्षा निदेशक छुट्टी पर चले गए हैं।
ऐसे में रोजगार की आस में बैठे शिक्षित बेरोजगार इंतजार कर रहे हैं कि कब यह असमंजस खत्म हो। राज्य सरकार ने शिक्षकों 3636 पदों की मंजूरी शिक्षा विभाग को दी हुई है। इसमें टीजीटी आट्र्स के 684, नान मेडिकल के 359, मेडिकल के 261, शास्त्री के 1049, एलटी के 590 और जेबीटी के 693 पद शामिल हैं। इनकी भर्ती के लिए पहले प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने कर्मचारी चयन आयोग को केस भेज भी दिया था, लेकिन फिर जेबीटी और टीजीटी के पदों को लेकर झगड़ा होने के कारण यह प्रक्रिया वापस ले ली।
टीजीटी के लिए एक बैच में रूसा के सब्जेक्ट कंबीनेशन का विवाद है, जो वर्तमान भर्ती नियमों के अनुसार नहीं है। जबकि जेबीटी के लिए एनसीटीई द्वारा बीएड को भी मान्य करने के कारण कोर्ट का एक आदेश बीच में है। इसमें बीएड को भी मौका देने को कहा है। इन दोनों विवादों में से रूसा वाले विवाद में विवि के साथ इक्वीलेंस कमेटी की बैठक मेें फैसला होना है कि संबंधित सब्जेक्ट कांबिनेशन को भी समान माना जाए।
लेकिन यह बैठक एक महीने से नहीं हो पाई है। पहले विवि में छुट्टियों का बहाना था, तो अब प्रारंभिक शिक्षा निदेशक छुट्टी पर हैं। जेबीटी के लिए बीएड को मान्य काने का राज्य में पहले से ही कतार में खड़े हजारों जेबीटी पास टीचर विरोध कर रहे हैं।
विभाग ने अब एनसीटीई को भी लिखा है कि हिमाचल में जेबीटी शिक्षक पर्याप्त मात्रा में हैं, इसलिए राज्य को इससे छूट दी जाए। लेकिन भर्ती को लेकर फैसला क्या लेना है? यह क्लीयर नहीं है। ऐसे में सब इंतजार कर रहे हैं मंत्री और अफसरों के लौटने का।