चंद्र ठाकुर। नाहन
लोकतांत्रिक देश भारत के इतिहास में 25 जून, 1975 को लगाया गया आपातकाल एक काला अध्याय है। रातोंरात देश के हजारों नेताओं को काल कोठरी में डाल दिया गया।
आपातकाल के उन दिनों का स्मरण करते हुए नाहन के विधायक डॉॅ. राजीव बिंदल ने कहा कि 24 जून की रात्रि में जब भारत सोया तो भारत लोकतांत्रिक देश था। 25 जून, 1975 को प्रात:काल जब सो कर जागे तो भारत देश का लोकतंत्र बदल चुका था। देश में आंतरिक आपातकाल लगाया जा चुका था। इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री थीं। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने प्रधानमंत्री के खिलाफ फैसला दिया और उनकी संसदीय सदस्यता समाप्त कर दी थी।
उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी को पद से त्यागपत्र देना चाहिए था, परंतु ऐसा नहीं हुआ। लोकतंत्र की हत्या की गई, त्यागपत्र देने के बजाय रात के अंधेरे में राष्ट्रपति से आदेश करवा कर देश में आंतरिक आपातकाल लागू कर दिया गया। अर्धरात्रि के मध्य देश के सभी बड़े-बड़े नेताओं को सोते-सोते उठाकर जेलों की काल कोठरी में डाल दिया गया।
करीब 50 हजार नेता एक रात में जेल में डाल दिए गए। अखबार बंद हो गए थे। कांग्रेस पार्टी द्वारा अपनी गद्दी को बचाने के लिए देश को पूरी तरह जेल में तबदील कर दिया गया था। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर प्रतिबंध लगाकर संघ के सभी प्रचारकों व श्रेष्ठ कार्यकर्ताओं को जेल में डाल दिया गया।