- मुख्यमंत्री चेहरे की अटकलों पर भी लगाया पूर्ण विराम
- इशारों-इशारों में अगला नेतृत्व भी बता गए प्रधानमंत्री
- अपने संबोधन में दर्जनों बार लिया जयराम का नाम
- केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर का जिक्र तक नहीं किया
त्वरित टिप्पणी : मस्तराम डलैल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शिमला रैली में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की जड़ों को और मजबूत कर गए। सीएम की शालीन छवि से लेकर उनकी कार्यशैली तक को शानदार बताते हुए प्रधानमंत्री ने जयराम ठाकुर की तारीफों के जबरदस्त पुल बांधे। जयराम ठाकुर के मुरीद हुए पीएम ने अपने संबोधन में दर्जनों बार जिक्र करते हुए उनकी प्रशंसा की। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री को अपना प्रिय मित्र बताते हुए मोदी ने कहा कि जयराम ठाकुर ने कोविडकाल से लेकर अब तक बेहतरीन काम किया है। यह पहला मौका था कि प्रधानमंत्री ने हिमाचल की देवभूमि में आकर सिर्फ और सिर्फ सीएम को शाबाशी दी है। बड़ी बात है कि सरकार के आठ साल के जश्न कार्यक्रम में एकमात्र केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर भी पीएम के मंच पर मौजूद थे।
बावजूद इसके उन्होंने न अपने संबोधन में अनुराग ठाकुर का नाम लिया और न कोई उनसे संदर्भ जुड़ पाया। अपने इसी सियासी अंदाज से प्रधानमंत्री ने हिमाचल प्रदेश के नेतृत्व पर भी अपना इशारा साफ कर दिया कि जयराम ठाकुर उनकी अब भी पसंद बने हुए हैं। जाहिर है कि हिमाचल प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर आए दिन सियासी गलियारों में शगूफों का बाजार गर्म रहता है। शिमला रैली में जिस अंदाज और जोश के साथ पीएम ने जयराम ठाकुर की पीठ थपथपाई उससे उन्होंने सीएम चेहरे की अटकलों पर पूर्ण विराम लगा दिया।
इस रैली में सबसे बड़ा आकर्षण मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का भाषण और इस पर मोदी के चेहरे की मुस्कान का मिश्रण रहा है। अपने संबोधन में मुख्यमंत्री केंद्र की सरकार की सराहना कर रहे थे और पीएम टकटकी लगाए सीएम के चेहरे को सहजता से निहार रहे थे। इस दौरान पीएम के चेहरे का हाव-भाव साफ पढ़े जा सकते थे कि उनका अटूट विश्वास अब तक जयराम ठाकुर पर बना हुआ है। खासकर जब जयराम ठाकुर अपना भाषण पूरा करने के बाद अपनी सीट पर लौट रहे थे तो प्रधानमंत्री ने जबरदस्त अंदाज में उनकी पीठ थपथपा कर मंच से साफ संदेश दे दिया।
प्रधानमंत्री के ये तमाम इशारे सीधा संकेत दे रहे थे कि जयराम ठाकुर की कद काठी को हाईकमान और ऊंचा करना चाहती है। यही वजह है कि मोदी सरकार के आठ साल के शिमला में आयोजित इस जश्न में सबसे बड़ा सियासी लाभ जयराम ठाकुर को मिला है।