धक्का देकर निकाला कमरे से बाहर, आठ साल की बच्ची को ताउम्र सताता रहेगा कोमल हृदय पर लगा आघात, बहन की बेटी को लिया था गोद
सतीश शर्मा। बिलासपुर : भदरोग गांव में घटी घटना के बाद आरोपी मृतक सरकारी कर्मचारी जहां, अपना परिवार तबाह कर गया। वहीं लोग भी इस घटना को सुनकर सिहर रहे हैं। उसके सिर पर ऐसा क्या भूत सवार हुआ कि उसने सुबह-सबेरे ही पत्नी से झगड़ा शुरू कर दिया और उसका अंत उसकी जान लेकर और अपनी जान देकर किया।
क्षेत्र में इस प्रकार ही यह पहली घटना है, जिसे सुनकर भी लोग हैरान हो रहे हैं कि क्या एक इंसान इतने घिनौनेपन पर भी उतर सकता है। सौभाग्य आठ साल की उस कन्या का रहा, जिसे उसकी मुंहबोली मां ने अपनी मौत से पहले धक्का मारकर कमरे से बाहर निकाल दिया। बुधवार सुबह से भदरोग गांव में तो सन्नाटा पसरा हुआ है, बल्कि पूरे प्रदेश में इस दर्दनाक हादसे की चर्चा हो रही है। बताया जा रहा है कि मृत दंपति के पांच वर्षीय बेटे की कई वर्ष पहले मौत हो गई थी।
इसके बाद संतान न होने पर मृतक कांता ने अपनी बहन की बेटी को गोद लेने का फैसला लिया जो इस दर्दनाक हादसे की एकमात्र गवाह है। उसके कोमल हृदय पर इस घटना से जो आघात पहुंचा है, वह उसे ताउम्र सालता रहेगा। जीवन भर रह-रह कर उसे घटना याद आती रहेगी कि किस प्रकार से झगड़ा शुरू हुआ और उसका कैसे दर्दनाक अंत हुआ।
मृतकों के शवों को लेने घुमारवीं अस्पताल पहुंचे भदरोग गांव के निवासी सूंका राम, रफीक मोहम्मद, देवराज, संजय कुमार, विनोद कुमार, सिद्दीक, सुरेश, अनिल कुमार व रवींद्र कुमार ने बताया कि मृतक कांता देवी बेहद सी साहसी औरत थी और वर्षों से पति के अत्याचारों का कड़ाई से मुकाबला कर रही थी।
पूरे गांव में उसके चरित्र पर कोई व्यक्ति अंगुली नहीं उठा सकता था, लेकिन बुधवार को न जाने कौन सी ऐसी घड़ी थी, जिसमें वह अपने पति के चंगुल में फंस गई और आखिरकार उसे अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। लोगों का कहना है कि आरोपी मृतक रामकृष्ण ने उनके गांव पर एक ऐसा बदनुमा धब्बा लगा दिया है, जो वर्षों तक लोगों के जहन से नहीं उतरेगा।