शकील कुरैशी : शिमला
हिमाचल प्रदेश में नाबार्ड की मदद से एक और रोपवे का निर्माण किया जाएगा। अभी नाबार्ड की सहायता से पंडोह से बगलामुखी तक रोपवे का निर्माण किया जा रहा है जिसके बाद इसके बाद यानि बगलामुखी से ईको पार्क तक रोपवे बनाया जाएगा। सरकार ने इसके लिए भी प्रयास शुरू कर दिए हैं। सूत्रों के अनुसार आगामी कार्रवाई के लिए मामला नाबार्ड को भेजा जा रहा है। मंडी जिला के पंडोह के पास पड़ते बगलामुखी मंदिर से आगे ईको पार्क तक रोपवे का फेज-२ तैयार किया जाएगा। इसकी रूपरेखा बना ली गई है लेकिन अभी आवश्यक मंजूरियां हासिल करनी हैं। नाबार्ड की मदद से रोपवे ट्रांसपोर्ट डेवेलपमेंट कारपोरेशन को ही यह काम सौंपा गया है।
रोपवे के लिए ये सरकार की निर्माण एजेंसी है। मार्च 2023 तक पहले चरण के रोपवे का काम पूरा हो जाएगा जिसका शिलान्यास कुछ समय पहले मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने किया था। बताया जाता है कि शिलान्यास के बाद सरकार के अधिकारियों ने इसका दौरा किया जहां पर काम शुरू हो चुका है। इसका निरीक्षण करने के साथ फेज-२ में बनने वाले रोपवे के लिए भी संभावनाएं देखी गई हैं। नाबार्ड सरकार को आर्थिक मदद करता है और पहली बार ऐसा हो रहा है कि रोपवे के निर्माण के लिए नाबार्ड ने आर्थिक सहायता प्रदान की है।
पहले चरण के रोपवे की लंबाई 800 मीटर की है जिसपर 50 करोड़ रुपये की राशि खर्च हो रही है। वहीं दूसरे चरण के रोपवे की लंबाई 650 करोड़ रुपये होगी जिसकी डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाने का काम हो रहा है। आरटीडीसी जो सरकार की निर्माण एजेंसी है इन रोपवे का निर्माण वहां के लोगों की जरूरत को पूरा करने के लिहाज से कर ही है। जहां एक ओर यहां पर्यटक आ-जा सकेंगे वहीं दूसरी ओर स्थानीय लोगों को इसका फायदा मिलेगा जिनको अभी काफी ज्यादा दिक्कतें पेश आ रही हैं।
मुख्यमंत्री ने यहां पर रोप-वे की सुविधा देने का एलान किया था जिसके बाद अब तेजी के साथ काम शुरू हो चुका है। इसके अलावा प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कुछ रोपवे प्रोजेक्ट पीपीपी मोड में बनाए जाने प्रस्तावित हैं। कुछ माह पहले धर्मशाला-मकलोडगंज रोपवे का उद्घाटन किया गया है जो वहां पर्यटन को बढ़ावा देने के नजरिए से बेहतरीन प्रयास है। इसके साथ यहां आनंदपुर साहिब से श्रीनयनादेवीजी के लिए भी सरकारी क्षेत्र में एक रोपवे का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है।
वहीं जाबली से कसौली के लिए 2.6 किलोमीटर लंबा रोपवे प्रस्तावित है जिसके लिए टेंडर किए जा रहे हैं। इसे निजी कंपनी को संचालित करने के लिए दिया जाएगा। वहीं नारकंडा से हाटू के लिए भी पीपीपी मोड में एक रोपवे का निर्माण किया जाना है। इस तरह से हिमाचल में कई रोपवे प्रस्तावित हैं जो सिरे चढ़ते हैं तो यहां पर्यटन बढ़ेगा।
माल रोड तक रोपवे के काम पर बना सस्पेंस
शिमला में क्रॉसिंग से माल रोड तक रोपवे प्रस्तावित है मगर पूर्व सरकार के समय में जो शिलान्यास का पत्थर रखा गया था उससे आगे यह प्रोजेक्ट नहीं बढ़ा है। इसे लेकर अभी संशय है कि यह बनेगा भी या नहीं क्योंकि इसमें आगे कोई कदम नहीं उठाया जा रहा।