राजेंद्र ठाकुर। स्वारघाट
हिमाचल प्रदेश के विश्व विख्यात शक्तिपीठ श्री नैना देवी में आज से माता जी के श्रावण अष्टमी मेला प्राचीन परंपराओं के मुताबिक विधिवत पूजा-अर्चना और मंत्रोच्चारण के साथ शुरू हो गए। सुबह की आरती और झंडा चढ़ाने की रस्म के साथ मेले का आगाज हुआ। मंदिर को फूलों और गुब्बारों से सजाया जा रहा है, लेकिन पूजा-अर्चना और आरती में मात्र स्थानीय पुजारियों और सुरक्षा कर्मियों ने ही भाग लिया। कोविड-19 महामारी के चलते इस बार श्रावण अष्टमी नवरात्र में मेला में श्रद्धालु माता जी के दर्शन नहीं कर पाएंगे।
यह मेला 21 से 29 जुलाई तक मनाया जाएगा। हिमाचल प्रदेश के विश्व विख्यात शक्तिपीठ श्री नैना देवी में लगने वाला यह सबसे बड़ा मेला है, लेकिन कोविड-19 महामारी के चलते मंदिर के मुख्य द्वार बंद हैं और श्रद्धालुओं को मंदिर में आने पर मनाही है। श्रावण अष्टमी मेला का विशेष महत्व है।
पंजाब, हिमाचल, हरियाणा, दिल्ली, यूपी, बिहार और अन्य प्रदेशों से भारी संख्या में श्रद्धालु मेला के दौरान माता नैना देवी के दर्शनों के लिए यहां पहुंचते थे, लेकिन इस बार कोविड-19 के चलते श्रद्धालुओं को माता जी के दर्शनों से महरूम रहना पड़ेगा और मंदिर में अगले 10 दिनों तक पूजा-पाठ विधिवत रूप से चलता रहेगा, ताकि विश्व शांति बनी रहे और इस महामारी से सभी को निजात मिले।