साहिल डढवाल। नूरपुर
कोरोनाकाल में दिन-रात अपनी सेवाएं दे रहे राष्ट्रीय बाल कल्याण समिति (आरबीकेएस) के सदस्यों में सरकार के प्रति रोष पनपता जा रहा है। सैंपलिंग से लेकर रैपिड टास्क टीम का काम करने वाले ये डॉक्टर्स और पैरामेडिकल स्टाफ सरकार की अनदेखी से खफा हैं।
आरबीकेएस के जिला कांगड़ा अध्यक्ष डॉ विकास ने कहा जब से कोरोना महामारी आई है तब से ये लोग फील्ड में जुटे हैं, चाहे फिर वो बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों की स्क्रीनिंग का काम हो या फिर क्वारंटीन सेंटर में ड्यूटी का काम हो। उन्होंने कहा कि कोविड डेडिकेटेड सेंटर में ड्यूटी से लेकर कोरोना के सैंपल लेने तक का काम समिति के सदस्यों ने किया है।
उन्होंने कहा कि अब सैंपलिंग का काम भी आरबीकेएस के सदस्य पूरे प्रदेश में कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि सिरमौर जिले में ही समिति के डॉक्टर द्वारा एक दिन में 600 से ज्यादा सैंपल लिए हैं। प्रदेश में 60 से 80 फीसदी कार्य इस समय आरबीकेएस के सदस्य कर रहे हैं लेकिन जब किसी मानदेय या किसी प्रोत्साहन की बात आती है तो इन लोगों को नजर अंदाज कर दिया जाता है।
उन्होंने सरकार से मांग की है कि आर बी के एस का जितना भी स्टाफ है, चाहे वो डॉक्टर्स हो या फिर पैरामेडिकल स्टाफ हो, उन्हें भी सराहा जाए। उन्होंने कहा कि सरकार ने जिस तरह से आशा वर्कर से लेकर डॉक्टर्स तक को प्रोत्साहित किया है उसी तरह आरबीकेएस के कर्मचारियों को भी प्रोत्साहित किया जाए।