ललित ठाकुर । पधर : भौगोलिक परिस्थिति , क्षेत्रफल व जनसंख्या के हिसाब से पंचायतों के पुर्ण गठन की बात को जब से विभाग व सरकार की ओर से तूल मिला है उसके तत्काल बाद ही बड़ी पंचायतों के लोगो ने तोड़कर अलग पंचायत का प्रस्ताव डाल कर पंचायत अलग करने की बात सरकार व विभाग के कानों तक पहुंचाई है । ताकि छोटी छोटी पंचायते बनकर विकास की ओर अग्रसर हिमाचल प्रदेश सरकार का नारा सफल हो सकें । वहीं हिमाचल भर में पंचायतों के भौगोलिक स्थिति की समस्या नजर भी आ रही है ।
द्रंग विधानसभा क्षेत्र की सबसे बड़ी पंचायतों में से एक टाण्डू पंचायत के विभाजन की माँग अब जोर पकड़ने लग गई है! गौरतलब है पिछले वर्ष युवा एकता मंडल द्रंग के संस्थापक व पूर्व अध्यक्ष शुभम शर्मा ने इस विषय को टाण्डू पंचायत में जोर शोर से उठाया था वहीं पंचायत प्रधान ,समस्त वार्ड सदस्यों ने इस पर मोहर लगाते हुए ग्राम सभा में जनता द्वारा प्रस्ताव भी पारित कर दिया था ।
शुभम ने बताया की पंचायत शुरूआत से ही बड़ी थी जिसका पूर्ण गठन सरकार ने पहले भी किया था जब इससे विभाजन करके तरयांबली व कटिंडी को नई पंचायत बनाया गया था लेकिन आज के समय में क्षेत्रफल व जनसंख्या के हिसाब से फिर जरूरत है की सरकार इसपर फैसला लें और विकास की एक नई गाथा लिखने में जनता की सहायता करें।
पूर्व अध्यक्ष ने कहा की समस्त जनता ने इस विषय पर ग्राम सभा में मोहर लगा दी है तथा युवा एकता मंडल, महिला मंडल व अन्य बुद्धिजीवी लोगों ने सरकार व विभाग के पास कागजात जमा करवा दिए हैं और सरकार के फैसलें का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा की चार हजार के ऊपर की आबादी व 11 कि.मी. के अंतर्गत बसी पंचायत टाण्डू का पूर्णगठन समय की माँग है। वही सुभम ने कहा कि पंचायतीराज मंत्री विरेन्द्र कंवर ने अपने बयान में कहा है की दिसंबर तक सरकार इस विषय पर फैसला जरूर लेगी। पंचायत प्रधान हेमलता शर्मा ने कहा की पंचायत का विभाजन होना आवश्यक है एवं इसके लिए ग्राम सभा में प्रस्ताव पारित भी किया गया है! सरकार व विभाग का फैसला सर्वोपरि।
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