जय प्रकाश। संगड़ाह
जिला सिरमौर के उपमंडल संगड़ाह में चल रही अधिकतर निजी बसों में न तो उचित सोशल डिस्टेंसिंग दिखाई दी और न ही खाली रखी जाने वाली सीटों पर क्रॉस के स्टीकर अथवा निशान लगे दिखे। प्राइवेट बसों में एचआरटीसी बसों की तरह चालक-परिचालकों के लिए प्लास्टिक का कैबिन भी नहीं है तथा कई लोग बसों की कमी का हवाला देकर निर्धारित दूरी की अनदेखी कर एक-दूसरे से सटकर बैठे नजर आ रहे हैं।
पहले दो दिन जहां लोग कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे की आशंका के चलते निजी बसों में बैठने से खुद ही परहेज करते दिखे, वहीं अब नजदीक जाने वाले यात्री भी इन बसों में बैठने से गुरेज नहीं कर रहे हैं। बुधवार को कुछ बसों में निर्धारित अथवा 60 फीसदी से ज्यादा यात्री देखे गए तथा परिचालक के लिए रखी गई पहली-दूसरी सीट पर भी यात्री देखे गए। इलाके में चल रही अधिकतर सरकारी बसों में हालांकि प्लास्टिक के कैबिन के साथ-साथ क्रॉस के निशान भी देखे गए, मगर एक सरकारी बस में भी क्रॉस के निशान अथवा स्टीकर बुधवार को नहीं दिखे।
निजी बस चालक-परिचालकों के अनुसार वे जल्द ही परिवहन विभाग से स्टीकर लेंगे अथवा पेंट से खाली रखी जाने वाली सीटों पर काटे के निशान लगा देंगे। आरटीओ सोना चौहान ने कहा कि सिरमौर जिले में अधिकतर निजी बसों में खाली रखी जाने वाली सीटों पर निशान अथवा क्रॉस लगे हैं तथा जल्द अन्य निजी बसों में भी ऐसी व्यवस्था की जाएगी। क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी के अनुसार लॉकडाउन के बाद सरकार द्वारा जारी आदेशों में चालक-परिचालक के लिए प्लास्टिक का कैबिन बनाने की शर्त नहीं है, क्योंकि परिचालक को यात्रियों को बैठाने संबंधी व्यवस्था देखनी होती है। उन्होंने कहा कि जल्द ही सभी निजी बसों को क्राँस तथा सोशल डिस्टेंसिंग संबंधी स्टीकर पहुंचाए जाएंगे।