एजेंसी। नई दिल्ली
भारत और नेपाल के बीच बातचीत के लिए अनुकूल माहौल तैयार करने का दायित्व नेपाली प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और उनकी सरकार का है, क्योंकि नया राजनीतिक नक्शा जारी करना राजनीतिक फायदा हासिल करने का उसका अदूरदर्शी एजेंडा था। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।उन्होंने कहा कि ओली सरकार द्वारा नया नक्शा जारी करना भारत के साथ सीमा विवाद का राजनीतिकरण करने का प्रयास था और यह दर्शाता है कि नेपाल दशकों पुराने इस मुद्दों को बातचीत के जरिए हल करने को लेकर गंभीर नहीं है।
नेपाल ने पिछले महीने देश का एक नया राजनीतिक नक्शा जारी किया था, जिसमें लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा के विवादित क्षेत्र को दर्शाया गया है, जिन्हें भारत अपना इलाका बताता रहा है। ओली के नेतृत्व वाली कम्युनिस्ट सरकार ने शनिवार को इस नए नक्शे को संसद के निचले सदन से सर्वसम्मति से पारित करा
लिया था, जबकि भारत ने कड़े शब्दों में स्पष्ट कर दिया था कि कृत्रिम रूप से बढ़ा-चढ़ाकर पेश किए गए क्षेत्रीय दावे स्वीकार करने योग्य नहीं हैं। स्थिति पर भारत के रुख को परिलक्षित करते हुए एक सूत्र ने कहा, यह कार्रवाई अदूरदर्शी और एक सीमित राजनीतिक एजेंडे को साधने वाली है। सूत्रों ने कहा कि अब यह दायित्व प्रधानमंत्री ओली का है कि वह संवाद का अनुकूल माहौल तैयार करने के लिए सकारात्मक और ठोस कदम उठाएं।