इस्लामाबाद :
पाकिस्तान ने शुक्रवार को मीडिया की उन खबरों को खारिज किया जिनमें कहा गया था कि भीड़ के हमले में गुरुद्वारा ननकाना साहिब की बेअदबी की गई। पाकिस्तान ने कहा कि सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक के जन्मस्थान को ”किसी ने छुआ नहीं है और न ही उसे कोई नुकसान पहुंचाया है तथा सिख धर्म के पवित्र स्थलों में से एक में ”तोडफ़ोड़ किए जाने के दावे” गलत हैं।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि पंजाब प्रांत के प्राधिकारियों ने यह जानकारी दी है कि वहां शुक्रवार को दो मुस्लिम समूहों के बीच झड़प हुई थी। उसने कहा कि उक्त झगड़ा चाय की एक दुकान पर किसी मामूली घटना को लेकर हुई और जिला प्रशासन ने तत्काल हस्तक्षेप करके आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। विदेश मंत्रालय ने कहा, ”इस घटना को सांप्रदायिक मुद्दे के रूप में चित्रित करने का प्रयास स्पष्ट तौर पर प्रेरित है।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि गुरुद्वारा को किसी ने छुआ नहीं है और न कोई क्षति पहुंची है। सभी आक्षेप, विशेष तौर पर पवित्र स्थल की बेअदबी और तोडफ़ोड़ के दावे न केवल झूठे हैं बल्कि शरारतपूर्ण हैं।” विदेश मंत्रालय का बयान तब आया जब भारतीय मीडिया में आई कुछ खबरों में कहा गया कि एक भीड़ ने गुरुद्वारे पर हमला किया है। खबरों में कहा गया कि ननकाना साहिब में सैकडों की संख्या में लोगों ने शुक्रवार को सिखों के पवित्र स्थल पर पथराव किया।
पाकिस्तान में पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि एक सिख किशोरी लड़की से विवाह करने वाले एक मुस्लिम व्यक्ति के नेतृत्व में लोगों के एक समूह ने गुरुद्वारे के बाहर दिनभर का धरना दिया। पुलिस ने कहा कि यह धरना अपने उन रिश्तेदारों की गिरफ्तारी के विरोध में किया था जिन्हें लड़की के कथित जबर्दस्ती धर्मांतरण के लिए पकड़ा गया था। राजधानी दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यक सिख समुदाय के सदस्यों को पवित्र शहर ननकाना साहिब में हिंसा के कृत्यों का सामना करना पड़ा।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ”भारत इस पवित्र स्थान पर तोडफ़ोड़ और बेअदबी की हरकतों की कड़ी निदा करता है। हम पाकिस्तान सरकार से सिखों की सुरक्षा एवं कल्याण सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाने का आह्वान करते हैं।” मंत्रालय ने कहा, ” उन बदमाशों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए जो इस पवित्र गुरद्वारे में बेअदबी में शामिल हैं और जिन्होंने अल्पसंख्यक सिखों पर हमला किया है।”
मंत्रालय ने कहा कि यह निदनीय कार्रवाई पिछले साल अगस्त में ननकाना साहिब शहर में एक सिख लड़की को उसके घर से अगवा करके जबरन धर्म परिवर्तन के बाद हुई है।गुरुद्वारा ननकाना साहिब को गुरुद्वारा जन्म स्थान के नाम से भी जाना जाता है। यह वह स्थान है जहाँ सिखों के पहले गुरु, गुरु नानक का जन्म हुआ था। इसे सबसे पवित्र सिख स्थलों में से एक माना जाता है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान सरकार कानून व्यवस्था कायम रखने और लोगों, विशेष तौर पर अल्संख्यकों को सुरक्षा मुहैया कराने को प्रतिबद्ध है।
उसने कहा कि करतारपुर गलियारा अल्पसंख्यकों को पाकिस्तान की विशेष देखभाल को दिखाता है जो देश के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की दृष्टि के अनुरूप है। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरेन्द्र सिंह और शिरोमणि अकाली दल ने भी ननकाना साहिब गुरुद्वारा पर भीड़ के हमले की खबरों को लेकर चिंता जताई।सिंह ने एक ट्वीट में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से अपील की कि वे यह सुनिश्चित करें कि गुरुद्वारे में फंसे श्रद्धालुओं को भीड़ से बचाया जाए। शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपने पाकिस्तानी समकक्ष के साथ इस मुद्दे को उठाने का आग्रह किया।