पंकज। ज्वालामुखी
कोरोना संकट में हिमाचल सरकार की ओर से लगातार मरीजों को हरसंभव मदद की बात कही जा रही है, लेकिन हकीकत कुछ और ही है। हम बात कर रहे हैं जिला कांगड़ा के उपमंडल ज्वालामुखी की पंचायत सलिहार के गांव बलेहड़ा की।
यहां मरीज को एक अदद एंबुलेंस नसीब नहीं हो रही है। हालात ऐसे हैं कि लोगों को खाट के जरिए मरीज को मुख्य सड़क तक पहुंचाना पड़ता है। उसके बाद उसे अस्पताल पहुंचाया जाता है। अगर विकास इसी को कहते हैं तो जरूरत है इस विकास को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर अपनी आंखों से देखें। कैसे आज भी हर गांव तक एंबुलेंस या गांव को सड़क से जोड़ने का उनका दावा खोखला साबित हो रहा है।
बलेहड़ा गांव में सड़क नहीं होने और मेडिकल टीम के अभाव में एक 90 वर्षीय बुजुर्ग महिला मरीज की तबीयत बिगड़ने के बाद अस्पताल ले जाने के लिए परिजनों को खाट का सहारा लेना पड़ा। हिमाचल सरकार भले ही सूबे में सड़क निर्माण समेत विकास के लाख दावे करे लेकिन असल सच्चाई इससे दूर ही नजर आ रही है। वक्त जरूर बदला है, हालात के साथ हुक्मरान भी बदल गए, अगर कुछ नहीं बदला तो वह है सलिहार के बलेहड़ा गांव की तस्वीर।
चारपाई ले जाने को नहीं मिले 4 लोग, एक दिन और करना पड़ा इंतजार
ग्रामीण किशोरी लाल का कहना है कि कोरोनाकाल के बीच उनकी माता की तबीयत खराब होने पर वह चारपाई पर अपनी माता को अस्पताल तक ले जाने के लिए 4 लोगों को एकत्रित नहीं कर पाए।
काफी जद्दोजहद करने के बाद अगले दिन कहीं जाकर उन्होंने लोग एकत्रित किए व माता को अस्पताल लेकर गए। उनका कहना है कि यही नहीं रात के समय में यदि गांव में कोई भी बुजुर्ग, बच्चा या महिला बीमार होती है तो सबसे ज्यादा परेशानी उन्हें रोड तक पहुंचाने की होती है।
लोगों का कहना है कि कई नेता आए और कई चले गए, लेकिन आज तक किसी जनप्रतिनिधियों से लेकर नेताओं ने इस रास्ते की सुध तक नहीं ली। यही नहीं हाल ही में स्थानीय लोगों द्वारा रास्ते की काट-छांट करके इसे पैदल चलने योग्य बनाया गया है।
लोगों ने एंबुलेंस रोड बनाने की उठाई मांग
बलेहड़ा गांव के लोगों ने एंबुलेंस रोड बनाने की मांग मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से की है। लोगों का कहना है कि पंचायत प्रतिनिधि जिस रास्ते की रुकावट की बात कर रहे हैं, उसका एक अन्य रास्ता भी स्थायी हल के लिए प्रयोग किया जा सकता है, जो कि फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के तहत आता है।
लोगों का कहना है कि फॉरेस्ट से क्लीयरेंस करवाकर उस रास्ते को एंबुलेंस रोड बनाया जाए, ताकि लोगों को दोबारा इस तरह की परेशानियों का सामना न करना पड़े।