राजीव शर्मा : बिझड़ी : 24 घंटे स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बिझड़ी को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तबदील किए हुए काफी समय हो चुका है। उपमंडल बड़सर के ढटवाल क्षेत्र की दर्जनों पंचायतों के लोगों के लिए इस स्वास्थ्य केंद्र की बहुत महत्ता है, लेकिन अगर आपातकालीन स्थिति में स्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्था ही साथ न दे तो दावों की पोल खुल जाती है। मामला विद्युत कट को लेकर है जब कई बार एकदम से सीएचसी बिझड़ी की लाइट चली जाती है तो स्टाफ व चिकित्सक एकदम से असहाय हो जाते हैं क्योंकि अस्पताल में जेनरेटर की सुविधा आज तक स्वास्थ्य विभाग उपलब्ध नहीं करवा पाया है। लंबे विद्युत कट के दौरान फ्रिज में रखी गई दवाइयों के खराब होने का खतरा बना रहता है।
कई बार अस्पताल स्टाफ को दवाइयों को शिफ्ट करने की कसरत करते हुए देखा भी गया है। इसके अलावा अस्पताल में दी जाने वाली 24 घंटे की चिकित्सीय सेवाओं पर भी विपरीत असर पड़ रहा है। महिला चिकित्सक व स्टाफ बिजली जाने के दौरान अपने आपको असुरक्षित महसूस करते हैं। हैरानी की बात है कि सरकार के दावों के मुताबिक बिझड़ी में 24 घंटे स्वास्थ्य सुविधाओं का दावा किया जा रहा है। लेकिन इन सुविधाओं की पोल अकसर बारिश, आंधी तूफान खोलते रहते हैं क्योंकि बिजली चले जाने पर किसी भी तरह की वैकल्पिक व्यवस्था यहां नहीं की गई है।
हैरानी की बात है कि कोविड काल के दौरान भी इस समस्या को मीडिया द्वारा स्वास्थ्य विभाग के समक्ष रखा गया था, लेकिन आश्वासनों के सिवा आगे कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। स्थानीय लोगों का सवाल है कि जब सरकार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक जेनरेटर तक की व्यवस्था नहीं कर सकती है तो फिर जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने की बात की किस तरह की जाती है।
क्या कहते हैं बीएमओ
इस बारे में बड़सर के कार्यवाहक बीएमओ डॉ. राकेश का कहना है कि मुझे सामुदाायिक स्वास्थ्य केंद्र बिझड़ी में जेनरेटर न होने के बारे में जानकारी नहीं है। अगर ऐसा है तो समस्या का समाधान किया जाएगा।