चंद्रमोहन चौहान। ऊना : प्रदेश सरकार के दो वर्ष पूरे होने पर शिमला में आयोजित कार्यक्रम को लाइव दिखाने के लिए ऊना में एक बड़ी स्क्रीन का प्रबंध किया गया था, लेकिन इस मकसद में कोई कामयाबी नहीं मिली। बस स्टैंड पर लगी स्क्रीन पर कार्यक्रम तो चला, लेकिन स्क्रीन पर भाजपा सरकार के दो वर्ष के समारोह को देखने के लिए कोई भीड़ नहीं उमड़ी। शुक्रवार को पिछले दिनों के मुकाबले ठंड भी कम रही।
बावजूद इसके न जनता और न ही भाजपा कार्यकर्ता ने इसमें कोई रूचि दिखाई। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती व कैबिनेट मंत्री वीरेंद्र कंवर के गृह जिला के मुख्यालय पर जिस प्रकार से बेरुखी सरकारी समारोह से दिखाई गई वह जहां प्रशासन पर प्रश्न चिह्न है, वहीं जिला भाजपा के नए बने संगठन के लिए भी शर्मनाक है। शिमला में आयोजित समारोह में हिस्सा लेने के लिए चुनिंदा व भाजपा कार्यकर्ता ही गए।
वहीं, आम जनता व कार्यकर्ता बड़ी स्क्रीन तक नहीं पहुंचे, इसके लिए भी भाजपा के नए अध्यक्षों ने कोई प्रयास नहीं किया। नाम न छापने की बात कहकर कई भाजपा नेताओं ने कहा कि हमें तो यह जानकारी ही नहीं दी गई कि स्क्रीन कहां लगाई गई है। अब इसे सरकार के प्रति बेरुखी कहें या भाजपा संगठन की कमी, लेकिन जो भी बड़ी स्क्रीन पर भीड़ न जुटने पर फजीहत तो हो रही है। अधिकृत रूप से कोई भी पार्टी नेता भीड़ क्यों नहीं आई, इस पर बोलने से कतरा रहा है। अधिकतर का जवाब यही था कि उन्हें जानकारी नहीं है और कुछ ने कहा कि वे शिमला में हैं।
भाजपा सरकार से भंग हो रहा मोह : कपिला
जिला कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अविनाश कपिला ने कहा कि कम समय में किसी सरकार का ग्राफ गिरा है, यह जयराम सरकार दिखा रही है। उन्होंने कहा कि लोग न तो शिमला में जुटे और न स्क्रीन पर जुटे, ऐसेे में साफ है कि भाजपा सरकार से लोगों का मोह भंग हो रहा है। ऐसे में सरकार को झारखंड जैसी उल्टी गिनती की समझ कर लेनी चाहिए।
फिजूलखर्ची बनी स्क्रीन
सरकार के दो वर्ष पूरे होने पर लगाई गई स्क्रीन एक तरह से फिजूलखर्ची ही साबित हुई। आईपीआर विभाग के कर्मचारी तो इस स्क्रीन पर लाइव संपर्क न टूटे, इसके लिए डटे रहे, लेकिन न तो यात्रियों ने स्क्रीन की ओर मुंह किया और न ही कोई भाजपा कार्यकर्ता। ऐसे में बिना किसी प्रचार के सिर्फ स्क्रीन लगाकर रस्म अदायगी करना महज फिजूलखर्ची ही साबित हुआ।