वरिष्ठ संवाददाता, शिमला
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में छात्रों का शारीरिक विकास नहीं हो रहा है। स्कूलों में इस वक्त डीपीई के 500 से ज्यादा पद खाली बताए जा रहे है। डीपीई के पद पर प्रमोशन और डारेक्ट दोनों प्रकार की ही भर्ती पर फंसी हुई है।
आदर्श चुनाव आचार संहिता लगने को मात्र चन्द दिन शेष बचे है बावजूद इसके अभी तक 375 वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं में डीपीई के पद सृजित नहीं हो पाए है। वहीं शारीरिक शिक्षकों की डीपीई के पदों पर पदोन्नति भी नहीं हो पाई है। सरकार के इस फैसले से राजकीय अध्यापक संघ व सीएंडवी अध्यापक संघ ने इस पर नाराजगी जाहिर की है। संघ के सयुंक्त पदाधिकारियों ने कहा कि जंहा हर वर्ग के अध्यापको की पदोन्नति समय पर कर दी है, तो वहीं शारीरिक शिक्षकों की पदोन्नति समय पर होनी चाहिए।
शिक्षकों का आरोप है कि वर्तमान समय में 375 वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं में डीपीई के पद सृजित नही है। वहीं 90 के लगभग पद रिक्त चले हुए है। कुल मिलाकर 500 के लगभग पाठशालाएं बिना डीपीई के चली हुई है। इन स्कूलों में बिना डीपीई के ही छात्र खेलों में भाग ले रहे है। जबकि शिक्षा नीति में शारीरिक शिक्षा को अनिवार्य बनाया गया है, इसके बावजूद भी बड़े पैमाने में डीपीई के पद रिक्त चले हुए है
शिक्षकों ने मांग उठाई है कि 375 वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं में डीपीई के पद सृजित कर 180 के लगभग शारीरिक शिक्षक जो कि लम्बे समय से डीपीई के पद पर पदोन्नति की मांग कर रहे इनकी पदोन्नति सूची को आचार संहिता से पहले जारी करे।