हिमाचल दस्तक : सोलन
चुनाव नजदीक आते ही हिमाचल प्रदेश में विपक्षी कांग्रेस बीजेपी सरकार पर लगातार हमलावर हो रही है। रविवार को सोलन में नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री सरकार पर बरसे। अग्निहोत्री ने पत्रकारों से बातचीत में कहा है कि हिमाचल में परिवर्तन की लहर चल रही है। जल्द जयराम सरकार विदा होने वाली है। उन्होंने आरोप लगाया कि हिमाचल पुलिस भर्ती का पेपर लीक नहीं हुआ, बल्कि नीलाम हुआ है। ऐसा करने वाले सचिवालय और पुलिस हेडक्वार्टर में बैठे हैं।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सीएम जयराम ठाकुर रोजाना करोड़ों रुपये की घोषणा कर रहे, जबकि सरकार का खजाना खाली पड़ा है। ये घोषणाएं कभी पूरी होने वाली नहीं हंै। 3 माह में तो टॉयलेट भी नहीं बनता। उन्होंने कहा कि सीएम ने प्रदेश को आर्थिक दिवालियापन में धकेला है और प्रदेश लगातार कर्जों के बोझ तले डूब रहा है। सीएम जयराम यह ख्वाब छोड़ दें क्योंकि हिमाचल में परिवर्तन की लहर चल रही है और हिमाचल में कांग्रेस प्रदेश की सत्ता में वापसी करेगी। इस अवसर पर जिलाध्यक्ष शिव कुमार, सोलन विधायक डॉ. धनी राम शांडिल, सुरेंद्र ठाकुर, विनोद सुल्तानपुरी, अमन सेठी सहित कई कोंग्रसी मौजूद रहे।
पीएम के सामने नहीं रख पाए एक भी मांग
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री बार-बार हिमाचल आ रहे हैं मगर मुख्यमंत्री और बीजेपी के अन्य नेता उनके पास राज्य से जुड़ी मांगों को नहीं रख पा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हिमाचल प्रदेश में बीजेपी की रैलियों पर भारी भरकम सरकारी पैसा खर्च किया जा रहा है। सरकार कोई जनहित का कार्य न कर इवेंट मैनेजर बन कर रह गई है। अग्निहोत्री ने कहा कि आज तक प्रदेश की सत्ता में पानी और सड़कों वाला मुख्यमंत्री सामने आए हैं, लेकिन जयराम प्रदेश की राजनीति में युवाओं के साथ धोखा और फरेब करने वाले मुख्यमंत्री के नाम से याद रखे जाएंगे। अग्निहोत्री ने कहा कि इसका जीता जागता सबूत पुलिस भर्ती पेपर लीक मामला है।
भाजपा चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए करवाना चाहती थी पुनर्सीमांकन
वरिष्ठ संवाददाता : शिमला भाजपा अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए नियमों को दरकिनार कर पुनर्सीमांकन करवाना चाहती थी। यह आरोप कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता व नगर निगम चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक देवेंद्र बुशहरी ने लगाए हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा ने दो वार्डों के साथ-साथ अन्य वार्डों में जो छेड़छाड़ करने का पुनर्सीमांकन को लेकर प्रयास किया वह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। इसकी कांग्रेस निंदा करती है। भाजपा ने अधिकारियों के साथ मिलकर अपने चहेतों को लाभ पहुंचाना चाहती थी। उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय ने नगर निगम की ओर से किए गए गलत पुनर्सीमांकन पर जो फैसला सुनाया है उसका कांग्रेस स्वागत करती है।
बुशहरी ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारी अपनी हद में रहकर नियमों के अनुसार कार्य करें अन्यथा पार्टी को ऐसे अधिकारियों का घेराव करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। नगर निगम ने यदि बिना किसी दबाव के पुनर्सीमांकन किया होता तो नगर निगम के चुनाव सही समय पर होते और प्रशासक बैठाने की नौबत नहीं आती। भाजपा की गलत सोच के कारण 1985 के बाद पहली बार निगम में 18 जून से जनता की ओर से चुने गए पार्षदों द्वारा गठित नगर निगम को अब एक सरकारी प्रशासक चलाएगा जो शर्म की बात है।