सोनिया: शिमला।
10वीं और 12वीं के बच्चों की परीक्षाएं स्थगित करने पर सरकार के खिलाफ बयान बाजी एक शिक्षक संघ के नेताओं को भारी पड़ी है। सरकार के फैसले की आलोचना करने पर डिप्टी डायरेक्टर उच्च शिक्षा शिमला की ओर से तीन शिक्षक नेताओं से स्पष्टीकरण मांगा गया है।
उप शिक्षा निदेशक की ओर से से पूछा गया है है कि किस आधार पर सरकार के फैसले की आलोचना की गई है। इसमें राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला रझाना में कार्यरत शिक्षक वीरेंद्र चौहान, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला भटाकूफर में तैनात महावीर कैंथला और घणाहटी स्कूल में कार्यरत कैलाश ठाकुर से जबाब तलब किया गया है। तीनों स्कूलों के प्रिंसिपल को इस बारे में नोटिस भेजे गए हैं कि इन शिक्षकों से स्पष्टीकरण मांगा जाए ताकि आगामी कार्रवाई के लिए इसे शिक्षा निदेशालय भेजा जाए।
गौर रहे कि ये तीनों शिक्षक विभिन्न शिक्षक संगठनों से जुड़े हैं और शिक्षा से जुड़ेे विभिन्न मुददों के लिए सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव रहते हैं।
बीते दिनों कोविड के चलते प्रदेश सरकार ने स्कूलों में चल रही 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं को कोविड के चलते स्थगित कर दिया था, जिसका इन शिक्षकों ने विरोध किया था। इसमे कहा गया था कि सरकार का यह फैसला गलत है और जब परीक्षाएं शुरू हो चुकी हैं तो इन्हें चलने दिया जाना चाहिए। जिसके बाद इन्हें बयानबाजी पर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।