- सीएम से मांगा समस्याओं पर चर्चा के लिए बैठक का समय
- प्रशासनिक सेवा से हो शिक्षा निदेशकों की नियुक्ति
- स्नातक अध्यापक किया जाए शास्त्री व भाषा अध्यापकों का नामकरण
धर्मशाला:
हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ का राज्य स्तरीय जनरल हाउस शनिवार को ज्वालामुखी में आयोजित किया गया। जिसमें तीसरी बार नवनिर्वाचित राज्य अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान सहित अन्य पदाधिकारी व विभिन्न जिलों के अध्यक्ष उपस्थित रहे।
जनरल हाउस में जिला एवं खंड कार्यकारिणियों की आम राय से शिक्षक व शिक्षा हित में एक डिमांड चार्टर भी तैयार किया गया जिस पर प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मिल कर यथाशीघ्र एक बैठक करने हेतु भी समय मांगा गया है। संघ की मुख्य मांगों में शिक्षा में गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु विभाग की 31 अक्तूूबर 2005 की अधिसूचना एडीएन सी 3/2006 की अधिसूचना को तुरंत प्रभाव से लागू करने की मांग उठाई। उच्च व प्रारंभिक निदेशकों की नियुक्ति प्रशासनिक सेवा से की जाए। शास्त्री व भाषा शिक्षकों का नामकरण स्नातक अध्यापक किया जाए।
प्रत्येक प्राथमिक पाठशाला में एक अध्यापक का अतिरिक्त पद सृजित करने की मांग उठाई। अध्यापकों को गैर शैक्षणिक कामों से पूर्णतया मुक्त रखा जाए। पुरानी पेंशन व्यस्था बहाल की जाए। अनुबंध शिक्षकों को समस्त लाभ तत्काल दिए जाएं। अध्यापकों की सेवनिवृत्ति आयु 62 साल हो। पदोन्नति पर ग्रेड-पे रोकने संबंधी अधिसूचना तुरंत निरस्त हो। पदोन्नति हेतु पांच साल की सेवा अवधि को कम कर तीन वर्ष किया जाए।
कालेज प्रवक्ता हुतु पदोन्नति नियमों में संशोधन कर योग्य स्कूल प्रध्यापकों को पदोन्नत किया जाए। सातवें वेतन आयोग की संस्तुतियों को यथाशीघ्र लागू किया जाए। समस्त राज्य बजट का कम से कम 6 फीसदी खर्च शिक्षा पर खर्च किया जाए। राजकीय अध्यापक संघ के साथ जेसीसी मीटिंग बुलाई जाए व लेक्चरर की न्यू अधिसूचना को तुरंत रद किया जाए। इस के साथ ही लगभग 43 सूत्रीय मांग पत्र भी तैयार किया गया जिसे आगामी बैठक में सीएम के समक्ष उठाया जाएगा।