एजेंसी। नई दिल्ली
देश में कोरोना टीकाकरण की रफ्तार में तेजी लाने के लिए सरकार की ओर से हरसंभव कदम उठाए जा रहे हैं। इसका नतीजा रहा है कि अब तक 1.56 करोड़ लोगों का देश में टीकाकरण हो चुका है। कोरोना टीकाकरण की रफ्तार में और तेजी लाने के लिए सरकार की ओर से एक अच्छा फैसला किया गया है।
सरकार ने देश भर में अब चौबीसों घंटे कोरोना टीकाकरण का फैसला लिया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि सरकार ने टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाने के लिए कोविड-19 वैक्सीन लेने की समय सीमा की पाबंदी हटा दी है। इसके बाद अब लोग चौबीस घंटे और सातों दिन अपनी सुविधानसुसार टीके लगवा सकते हैं।
बता दें कि देश में जब एक मार्च से टीकाकरण का दूसरा चरण शुरू होने वाला था तब हर केंद्र पर सुबह 9 बजे से दोपहर तीन बजे तक का समय वैक्सीनेशन के लिए फिक्स था। उन्होंने एक ट्वीट में कहा कि लोग अब अपनी सुविधा के अनुसार टीकाकरण करवा सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वास्थ्य के साथ-साथ देश के नागरिकों के समय को भी महत्व देते हैं।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने हिंदी में ट्वीट कर लिखा- सरकार ने टीकाकरण की गति बढ़ाने के लिए समय सीमा के प्रतिबंध को हटा दिया है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने लगवाई कोरोना वैक्सीन
नई दिल्ली। देश में एक मार्च से कोरोना वैक्सीन का दूसरा चरण शुरू हो गया है और इसी क्रम में बुधवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आर्मी रिसर्च और रिफरल अस्पताल में कोरोना की पहली खुराक लगवाई। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन सभी लोगों से टीका लगवाने की अपील की, जो दूसरे चरण के टीकाकरण अभियान के तहत इसकी पात्रता रखते हैं। राष्ट्रपति भवन के ट्वीट के अनुसार, राष्ट्रपति कोविंद ने इतिहास के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए सभी डॉक्टरों, नर्सों, स्वास्थ्य कर्मियों तथा प्रशासकों को धन्यवाद दिया।
पहली मार्च से शुरू हो चुका है टीका लगाने का दूसरा चरण
कोरोना टीकाकरण का दूसरा चरण 1 मार्च से शुरू हुआ है। इसमें 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों और 45 वर्ष या उससे अधिक आयु के उन लोगों का टीकाकरण करने को कहा गया है जिन्हें किसी गंभीर बीमारी का खतरा हो। देश भर में अब तक 1.56 करोड़ लोगों का कोरोना टीकाकरण किया जा चुका है।
कोवैक्सीन 81 फीसदी असरदार
भारत बायोटेक ने स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन को लेकर बड़ी खुशखबरी दी है। कंपनी ने बुधवार को वैक्सीन के फेज-3 के क्लीनिकल ट्रायल्स के अंतरिम नतीजे जारी कर दिए। यह वैक्सीन 81 फीसदी तक असरदार साबित हुई है। सरकार ने जनवरी के पहले हफ्ते में वैक्सीन को इमरजेंसी अप्रूवल दिया था। सरकार का यह फैसला विशेषज्ञों के निशाने पर था क्योंकि वे फेज-3 के नतीजे देखे बिना इमरजेंसी अप्रूवल के खिलाफ थे।