शिमला:
गुडिय़ा रेप एंड मर्डर केस से जुड़े सूरज हत्याकांड में शिमला की पूर्व एसपी सौम्या सांबशिवन पर बयान बदलने के लिए दबाव बनाने के मामले में सस्पेंड आईपीएस अधिकारी जहूर एच जैदी के खिलाफ अब विभागीय जांच शुरू हो गई है। इस जांच के लिए एक नहीं, बल्कि तीन-तीन विभागों को जिम्मा सौंपा गया है। गृह, विधि और पुलिस विभाग जैदी केखिलाफ यह जांच करेंगे।
इसके बाद जांच रिपोर्ट सरकार को सौंपी जाएगी। हालांकि जैदी का हेडक्वार्टर अब एडीजी होमगार्ड तय किया गया है। गृह विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक जैदी आगामी 17 मार्च तक निलंबित हैं। गौरतलब है कि कोर्ट के आदेशों का पालन करते हुए प्रदेश सरकार ने जैदी को सस्पेंड किया था और विभागीय जांच भी शुरू हो चुकी है। पुलिस महानिदेशक, सचिव विधि और सचिव गृह की देखरेख में यह जांच शुरू हो रही है। इसके साथ प्रदेश सरकार जैदी को चार्जशीट भी कर सकती है। बताया गया कि विभागीय जांच पूरी होने के बाद ही चार्जशीट की प्रक्रिया शुरू होगी।
उल्लेखनीय है कि कोटखाई प्रकरण से जुड़े पुलिस लॉकअप हत्याकांड मामले में बीते दिनों अदालत में सुनवाई हुई थी। इस दौरान कमांडेंट थर्ड आईआरबी एवं शिमला की पूर्व एसपी सौम्या सांबशिवन की भी गवाही हुई। उन्होंने आईजी जैदी के खिलाफ एक आवेदन भी अदालत में दिया था, जिसमें कहा गया था कि जैदी ने उन पर बयान बदलने का दबाव डाला था। इस पर सीबीआई की विशेष अदालत ने प्रदेश पुलिस महानिदेशक को एक नोटिस जारी किया। नोटिस के जरिए मामले को देखने और आईजी जहूर जैदी के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए थे।
सौम्या सांबशिवन ने आवेदन दायर करते हुए कहा था कि आईजी जैदी ने पक्ष में गवाही देने के लिए उन पर दबाव बनाया और उन्हें मानसिक दबाव झेलना पड़ा। ऐसे में मामले का संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने कानून के मुताबिक कार्रवाई करने को कहा तो प्रदेश सरकार ने पिछले माह 16 जनवरी को निलंबन का आदेश जारी कर दिया गया था। दो साल में दो बार निलंबित हुए जैदी अपने सेवाकाल में आईजी जहूर जैदी अब तक पिछले दो वर्ष के अंतराल में दो बार सस्पेंड हो चुके हैं।
पहली बार 2017 में कोटखाई प्रकरण के तहत पुलिस लॉकअप में सूरज हत्या मामले में सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी के साथ सस्पेंड भी हुए। अब शिमला की पूर्व एसपी सौम्या सांबशिवन को बयान बदलने के लिए दबाव बनाने पर कोर्ट के आदेशों के बाद सरकार ने निलंबित किया है।