शिमला:
राज्य में शिक्षकों के लिए पहली बार बन रही ट्रांसफर पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार है। इसे अंतिम रूप दिया जा रहा है। सचिवालय स्तर पर जैसी तैयारी है, उसके अनुसार इसी महीने होने वाली कैबिनेट की बैठक में इसे रखा जाएगा, ताकि कैबिनेट को सॉफ्टवेयर के जरिये होने वाले तबादलों की प्रक्रिया को लेकर बताया जा सके। कैबिनेट चाहेगी तो इस प्रक्रिया में बदलाव भी होंगे।
वर्तमान में तैयार ड्राफ्ट के अनुसार राज्य को 5 जोन में बांटकर शिक्षकों के पूर्व के कार्यकाल के आधार पर अंक देकर ये तबादले होंगे। बड़ा बदलाव यह होगा कि इसके लागू होने के बाद राज्य में शिक्षकों की रिटायरमेंट हर साल केवल 31 मार्च को हुआ करेगी। यह व्यवस्था एक ऑर्डर के जरिये की जाएगी, न कि शिक्षकों को कोई सेवा विस्तार मिलेगा। सेवा विस्तार की प्रक्रिया इसलिए नहीं अपनाई जा रही, क्योंकि ऐसा करने पर प्रमोशन के झगड़े भी बढ़ेंगे। इसके लिए सॉफ्टवेयर एनआईसी बना रहा है। हालांकि इसमें बहुत सा काम अभी बाकी है। सभी रेगुलर शिक्षकों का डाटा इसमें अपलोड हो रहा है।
यह सरकार के पीएमआईएस सॉफ्टवेयर की तरह काम करेगा। पड़ोसी राज्यों हरियाणा और पंजाब में भी इसी तरह की प्रक्रिया शिक्षक तबादलों के लिए है। सरकारी स्कूलों में नियुक्त करीब एक लाख शिक्षक इस पॉलिसी के दायरे में आएंगे। कोशिश यह है कि नए शैक्षणिक सत्र से इस नीति को लागू कर दिया जाए, लेकिन ये सब कैबिनेट के रुख पर तय करेगा। सरकारी स्कूलों में पढ़ा रहे अस्थायी शिक्षक इस तबादला नीति के दायरे में नहीं आएंगे। इनमें पीटीए, पैरा, पैट और एसएमसी शिक्षक शामिल हैं।
अनुबंध कर्मियों को भी पहले 3 साल की अवधि में इसमें नहीं जोड़ा जाएगा। प्रधान सचिव शिक्षा केके पंत ने बताया कि पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार है और जब तक कैबिनेट इसे मंजूर नहीं कर देती, इसके प्रावधान फाइनल नहीं हैं। इसे जल्द ही कैबिनेट के सामने रखा जाएगा।
इस तरह मिलेंगे ट्रांसफर के लिए नंबर
यह सॉफ्टवेयर टर्म पूरा होते ही विभिन्न मानकों के आधार पर नंबर देकर शिक्षकों के तबादले करेगा। महिला अध्यापक के लिए 10 अंक रखे गए हैं। विधवा, तलाकशुदा और अविवाहित महिला अध्यापक जिनकी आयु 40 साल से ज्यादा है या जिनके पति सेना में हैं, उनके लिए 10 अंक रखे गए हैं। अगर कोई महिला शिक्षक विधवा है और उसके एक या उससे ज्यादा छोटे बच्चे (माइनर) व कुंवारी बेटी है तो उसके लिए 5 अंक रखे गए हैं।
दिव्यांगता के लिए 20 अंक रखे गए हैं। यदि किसी शिक्षक को दुर्बलता रोग है तो उसके लिए 20 अंक हैं। बोर्ड की परीक्षाओं में अच्छे अंक देने वाले अध्यापकों को 5 अंक मिलेंगे। राष्टï्रीय और राज्य स्तरीय शिक्षक पुरस्कार प्राप्त करने वालों को 5 अंक दिए जाएंगे। प्रदेश के दुर्गïम, दूरदराज व जनजातीय क्षेत्रों में सेवाएं देने वाले शिक्षकों को अधिक अंक और सामान्य क्षेत्रों के शिक्षकों को कम अंक मिलेंगे।