रेन शेल्टर पर लगेंगे सोलर पैनल, स्मार्ट बस स्टॉप बनेंगे शहर में, राज्यपाल ने शिमला और धर्मशाला स्मार्ट सिटी पर ली बैठक
हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला : राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने राजभवन में शिमला और धर्मशाला स्मार्ट सिटी परियोजना से जुड़े अधिकारियों के साथ बैठक की और उनसे स्मार्ट सिटी के विकासात्मक कार्यों के संबंध में जानकारी ली। शहरी विकास सचिव सी. पालरासू, नगर निगम शिमला के आयुक्त पंकज राय और धर्मशाला स्मार्ट सिटी के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रदीप ठाकुर ने इन परियोजनाओं की जानकारी दी।
राज्यपाल ने शिमला शहर के जल प्रबंधन और सीवरेज प्रबंधन को बेहतर करने के लिए सघन कार्य करने के निर्देश दिए। दो लाख की आबादी वाले इस शहर के लोगों को सुविधाएं प्रदान करने के लिए व्यापक योजना बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि शिमला शहर में सुरंग निर्माण की योजना को प्राथमिकता दी जाए, ताकि सड़कों पर यातायात दबाव को कम किया जा सके। उन्होंने स्मार्ट कक्षाओं और पर्यटन स्थलों के विकास पर भी बल दिया। पंकज राय ने राज्यपाल को बताया कि शिमला स्मार्ट सिटी मिशन के तहत 23 विभिन्न विभागों को इस परियोजना के कार्यान्वयन में शामिल किया गया है।
लगभग 339.35 करोड़ की लागत के 28 कार्यान्वित योग्य परियोजनाओं को प्राथमिकता दी जा रही है। उन्होंने सार्वजनिक स्थलों में स्थापित किए जाने वाले ई शौचालय, प्रस्तावित संजौली आईजीएमसी अस्पताल तक छत वाले फुटपाथ, ईको पर्यटन विकास, पार्क और सड़क को चौड़ा करने के साथ पैदल मार्गों का विकास, नालों का तटीकरण, कचरा कंपेक्टरों की खरीद और आधुनिक एंबुलेंस तथा शव वाहन की खरीद के संबंध में जानकारी दी।
उन्होंने रिज पर स्थित वर्षा शालिका पर सौर पैनल, पैदल यात्रियों की सुविधा के लिए फुटओवर पुल निर्माण, लिफ्ट निर्माण और एसक्लेटर, वेंडिग क्षेत्र का प्रावधान, स्मार्ट बस स्टॉप के विकास, पीपीपी मोड के अंतर्गत रोप-वे और नई स्मार्ट पार्किंग के विकास इत्यादि की भी जानकारी दी। राज्यपाल के सचिव राकेश कंवर भी उपस्थित थे।
धर्मशाला के अंडरग्राउंड डस्टबिन प्रेजेंटेशन में दिखाए
प्रदीप ठाकुर ने धर्मशाला स्मार्ट सिटी पर पॉवर प्वाइंट प्रस्तुति दी और 2109.69 करोड़ की लागत वाली योजना के तहत आने वाली 32 मुख्य परियोजनाओं और 74 उप परियोजनाओं की जानकारी दी। इसमें स्मार्ट कक्षाएं, भूमिगत कूड़ेदान, सोलर रूफटॉप, पेयजल के लिए अत्याधुनिक जल उपचार, सौंदर्यकरण और पार्किंग इत्यादि इसकी मुख्य विशेषताएं होंगी। यह बात अलग है कि धर्मशाला में भूमिगत कूड़ेदानों की हालत खराब है। इनमें से बहुत से अब काम भी नहीं कर रहे हैं, क्योंकि इनका प्रबंधन ही नहीं किया गया। राज्यपाल ने इन्हें निर्धारित समयावधि में कार्य पूरा किए जाने की आवश्यकता पर बल दिया।