परिवार के मुखिया के आधार से लिंक होगा हर कनेक्शन
शिमला:
राज्य सरकार अब हर घर की रसोई तक निशुल्क पेयजल कनेक्शन देगी। केंद्र सरकार के जल शक्ति मंत्रालय के तहत देशभर में लागू हुए जल जीवन मिशन के कारण ऐसा किया जा रहा है। पेयजल के नए कनेक्शन के लिए आवेदन शुल्क भी अब 200 रुपये से घटाकर 100 रुपये कर दिया गया है। इसके बाद घर की रसोई तक पानी की पाइप और नलका सरकारी खर्चे पर लगेगा।
अपने प्रयोग के लिए अन्य नलके आवेदक को खुद लगाने होंगे। नई बात ये है कि पेयजल कनेक्शन के लिए कितनी भी दूरी तक फ्री पाइप लिए जा सकते हैं। कोई सीमा तय नहीं है। आवेदन के लिए हल्फनामा नहीं, बल्कि स्व सत्यापित एप्लीकेशन ही काफी होगी। जल जीवन मिशन के तहत आईपीएच को अब जल शक्ति विभाग घोषित कर दिया गया है। राज्य में 31 मार्च तक करीब 400 करोड़ विभाग को खर्च करने हैं। इसके मुकाबले कुल 1.10 लाख नए कनेक्शन देने का लक्ष्य 31 मार्च 2020 के लिए तय हुआ है। इसके लिए विभाग ने छोटी पाइपों की खरीद की प्रक्रिया भी पूरी कर ली है।
नई बात यह है कि इस मिशन के तहत हर कनेक्शन परिवार के मुखिया के आधार से लिंक करके दिया जाएगा। केंद्र सरकार ने पेयजल उपभोक्ताओं का पूरा डाटाबेस साथ में मांगा है। इसलिए जिसको भी पेयजल कनेक्शन चाहिए हो, वे अपने संबंधित जेई दफ्तर में आवेदन करें। कुछ जिलों में विभाग ने खुद ही ये फील्ड सर्वे भी चलाया हुआ है।
आईपीएच और फॉरेंसिक साइंस विभागों के नाम बदले
सरकार ने दो विभागों के नाम और कार्यक्षेत्र में बदलाव किया है। ताजा अधिसूचना के अनुसार इसके लिए दि बिजनेस ऑफ दि गवर्नमेंट ऑफ हिमाचल प्रदेश को संशोधित किया गया है। रूल्स ऑफ बिजनेस की क्रम संख्या 18 में इरिगेशन एंड पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट यानी आईपीएच की जगह अब जल शक्ति विभाग कर दिया गया है।
इसके साथ ही गृह विभाग के तहत डायरेक्टोरेट ऑफ फारेंसिक साइंस का नाम बदलकर डायरेक्टोरेट ऑफ फॉरेंसिक सर्विसिज किया गया है। इसके तहत अब डिजिटल फॉरेंसिक, वायस एनालीसिस आदि के काम होंगे और जिलों में भी मोबाइल फॉरेंसिक यूृनिट और फिंगर प्रिंट ब्यूरो के कार्यालय होंगे।
राज्य सरकार ने जल जीवन मिशन के तहत 400 करोड़ से ज्यादा धनराशि 31 मार्च 2020 से पहले खर्च करने का लक्ष्य रखा है। इसलिए नए पेयजल कनेक्शन के लिए भी कई तरह की राहत दी है।
-डॉ. आरएन बत्ता, सचिव आईपीएच