वन विभाग के पास पहुंचे लगभग 200 आवेदन, रिटायरमेंट के बाद भी कर्मचारी के पास रहेगी पिस्टल
हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला : वनरक्षकों को हथियार खरीदने पर वन विभाग सब्सिडी देगा। वन विभाग ने प्रदेश सरकार सरकार को भी दसके लिए मंजूरी ले ली है। पहले चरण में संवेदनशील और अतिसंवेदनशील वन बीट रक्षकों को ही हथियार दिए जाएंगे। हालांकि सरकार की योजना के मुताबिक वन रक्षकों को हथियार खरीदने का प्रावधान रखा गया है, लेकिन पहली प्राथमिकता संवेदन और अतिसंवेदनशील बीट को दी जाएगी।
हथियार खरीदने के लिए अब तक 200 आवेदन आ चुके हैं। प्रदेश सरकार ने यह फैसला किया था कि हथियार खरीदने के लिए सरकार 15 हजार रुपये की सब्सिडी देगी, जो पूर्व की कांग्रेस सरकार के समय 12 हजार थी। पूर्व की कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में करसोग स्थित कतांडा बीट में वनरक्षक होशियार सिंह की हुई हत्या के बाद वन रक्षकों को हथियार देने का प्रस्ताव तैयार किया था। जिसे अब वर्तमान जयराम सरकार फॉलो कर रही है। ऐसे में वन रक्षकों को हथियार यानी पिस्टल या गन खरीदने की प्रक्रिया आगे चल रही है। अब तक वन विभाग के पास दो सौ वनरक्षकों ने हथियार के लिए आवेदन किए हैं।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक जिन वनरक्षकों ने हथियार के लिए आवेदन किए हैं उन्हें सरकार एक साथ लाइसेंस जारी करेगी। बताया गया कि संवदेनशील एवं अति संवेदनशील सर्कल और बीट पर सेवाएं देने वाले वन रक्षकों को प्राथमिकता के तौर पर सबसे पहले हथियार मिलेगा। उसके बाद यदि कोई फोरेस्ट गार्ड का तबादला भी हो जाता है तो उससे हथियार वापस नहीं लिया जाएगा। इसके साथ ही सेवानिवृत्त होने के बाद भी वह हथियार संबंधित फॉरेस्ट गार्ड के पास ही रहेगा।
होशियार हत्याकांड के बाद जागी थी सरकार
जून, 2017 में करसोग की कतांडा बीट में हुई वनरक्षक होशियार सिंह की हत्या के बाद ही प्रदेश सरकार जागी थी। पूर्व की वीरभद्र सिंह सरकार ने वन रक्षकों की सेवाओं को संवेदनशील मानते हुए उन्हें हथियार देने की घोषणा की थी। वन विभाग ने सभी सर्कल के अफसरों को एक बार फिर से निर्देश दिए हैं कि कोई भी इच्छुक वन रक्षक हथियार के लिए कभी भी आवेदन कर सकते हैं।
हथियार खरीदने के लिए अभी तक 200 वनरक्षकों ने आवेदन किए हैं, प्रदेश सरकार ने 15 हजार रुपये प्रति हथियार के हिसाब से सब्सिडी देने का निर्णय लिया है। पहली प्राथमिकता संवेदन और अति-संवेदनशील फॉरेस्ट बीट गार्ड को दी जाएगी, आने वाले दिनों में हम सभी को एक साथ लाइसेंस जारी करने में सहयोग करेंगे।
-डॉ. अजय शर्मा, पीसीसीएफ