साहिल डढवाल। नूरपुर
प्रदेश की जयराम सरकार आज हर मोर्चे पर विफल रही है। सरकार ने चुनावों से पहले अपने घोषणा पत्र में पुरानी पेंशन बहाली को लेकर कमेटी गठित करने का जिक्र किया था लेकिन आज तक किसी भी तरह की कमेटी नही गठित की गई।
ये बात रविवार को एनपीएस रिटायर्ड कर्मचारी-अधिकारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष डॉ संजीव गुलेरिया ने कही। उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन बहाली को लेकर शनिवार को देश भर में ट्विटर पर हैशटैग ट्रेंड चलाया गया और इसमें पीएमओ से लेकर विपक्ष के नेताओं को टैग किया गया था।
उन्होंने कहा कि अगर सांसदों और विधायकों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिल सकता है तो वर्षों तक सेवाएं देने वाले सरकारी कर्मचारी को इस लाभ से क्यों वंचित किया गया है।
डॉ. गुलेरिया ने बताया कि आज हालात ऐसे हैं कि 70000 रुपये तनख्वाह लेने वाले को रिटायरमेंट के बाद मात्र 500 रुपये की पेंशन मिल रही है, जिससे गुजर बसर करना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में होने वाले उपचुनाव में कर्मचारी न तो भाजपा को वोट देंगे न ही कांग्रेस को। उन्होंने कहा कि दोनों ही संगठन इस मामले में कर्मचारियों का शोषण कर रहे हैं और उनके हक को जबरन दबाया जा रहा है।