सिंगरौली : नेशनल थर्मल पॉवर कार्पाेरेशन (एनटीपीसी) विंध्याचल परियोजना का सबसे पुराना फ्लाईऐश बांध रविवार शाम अचानक टूट गया। इससे इलाके में राख बहने से कथित तौर पर किसानों के खेत दूषित हो गए और दर्जनों मवेशी इसकी चपेट में आने से लापता हैं। घटना में एनटीपीसी और सहयोगी एजेंसियों के कुछ महंगे उपकरण एवं अन्य संपत्ति को भी नुकसान पहुंचा है। यह परियोजना प्रदेश के सिंगरौली जिला मुख्यालय से करीब 10 किलोमीटर दूर शाहपुर में स्थित है।
ग्रामीणों ने दावा किया कि इस बांध के टूटने से आसपास के गांव में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं। इससे स्वास्थ्य, पर्यावरण एवं खेतों के लिए नुकसानदायक राख का बहता ढेर खेतों सहित चारों तरफ दिखने लगा है। उनका दावा है कि उनके खेतों में राख बहने से उनके खेत प्रदूषित हो गए हैं और बांध के आसपास घास चरने गए उनके दर्जनों मवेशी बह गए हैं, जिनका अभी तक कोई पता नहीं चला है। सिंगरौली के पुलिस अधीक्षक अभिजीत रंजन एवं एनटीपीसी विंध्याचल के सहायक प्रबन्धक लालमणि पाण्डे ने बताया, एनटीपीसी विंध्याचल परियोजना का ग्राम शाहपुर में स्थित फ्लाईऐश बांध रविवार की शाम 4 बजे टूट गया।
इससे राख बहने से कोई व्यक्ति हताहत नहीं हुआ। किसानों के खेतों में इसका राख नहीं गया है। उन्होंने कहा कि इस बांध के आसपास घास चरने गए कुछ मवेशी जरूर बह गए हैं, लेकिन उनकी संख्या का सटीक अनुमान नहीं है। इसके अलावा आमजन की संपत्ति को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। इसी बीच घटनास्थल का निरीक्षण कर सिंगरौली जिले के कलेक्टर केवीएस चौधरी ने बताया, इस बांध टूटने की घटना में किसी का फिलहाल कोई नुकसान होना नहीं दिख रहा है।
यदि बांध की घटना से किसी का नुकसान हुआ होगा तो उसकी भरपाई एनटीपीसी प्रबंधन करेगा। रंजन एवं पांडे ने बताया कि इस घटना में कंपनी का ही काफी नुकसान हुआ है और महंगे मशीनरी करीब दो किलोमीटर बहकर बह कर रिहंद जलाशय में समाहित हो गए हैं।
पाण्डे ने बताया कि इस फ्लाईऐश बांध के टूटने से मलबा अचानक तेजी से बहने लगा और बीच में नाला होने की वजह से बांध में जमा राख रिहंद जलाशय में भर गई है। उन्होंने कहा कि बांध का तकरीबन 50 प्रतिशत से अधिक फ्लाई ऐश रिहंद में बह गया है और बाकी बचे हुए राख को हटाने का काम रविवार की देर रात्रि से युद्ध स्तर पर चल रहा है।
पाण्डे ने बताया कि एनटीपीसी के अधिकारी स्थिति को नियंत्रित करने हेतु कार्य में लगे हुए हैं। निरंतर गश्त करने वाली टीमों को ऐश डाइक साइट पर तैनात किया गया है। स्थिति की निरंतर निगरानी के लिए एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। उन्होंने कहा कि इस घटना के कारणों की पहचान करने के लिए एक जांच समिति का गठन किया जा रहा है। हालांकि प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि नुकसान का कारण बांध पर उच्च हाइड्रो स्टैटिक दबाव था, जिसके परिणामस्वरूप बांध क्षतिग्रस्त हो गया। हाइड्रो स्टैटिक दबाव का निर्माण पिछले 10-15 दिनों से आसपास के क्षेत्र में भारी बारिश के कारण हुआ था।
पाण्डे ने बताया कि बांध से निकला हुआ राख का घोल एनटीपीसी परिसर के भीतर ही सीमित है। पुलिस अधीक्षक रंजन ने बताया कि इस हादसे से आसपास स्थित गांव जयनगर, जुवाड़ी, अमहवा टोला व गहिलगढ़ पूर्व की बस्ती के लोग सकते में आ गए थे, लेकिन इससे कोई प्रभावित नहीं हुआ है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि फ्लाईऐश बांध फूटने के बाद बांध के पास स्थित पम्प हाउस में कार्यरत तीन मजदूर मलवे में फंस गए थे। सूचना मिलने के बाद बचाव अभियान चलाकर अरविंद साकेत, संतोष साकेत एवं राजू को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।
सूत्रों के अनुसार शाहपुर में एनटीपीसी विंध्याचल में कुल पांच फ्लाईऐश बांध है। जो बांध टूटा है वह सबसे पुराना व पहला बांध है। क्षतिग्रस्त बांध राख से भर चुका था और बांध को और ऊंचा करने के लिए दूसरी परिधि (सेकेंड लेयर) बनाने का काम चल रहा था। जानकारी के अनुसार दूसरी परिधि का काम समाप्त भी नहीं हुआ था लेकिन एनटीपीसी ने लापरवाह तरीके से राख की आपूर्ति शुरू कर दी थी जिससे लिहाजा बांध टूट गया।