वरिष्ठ संवाददाता, शिमला
प्रदेश में एनटीटी भर्ती पर फिर संकट आ गया है। कैबिनेट के एक दिन पहले वित्त विभाग ने शिक्षा अधिकारियों को फाइल वापिस भेज दी है। दरअसल एनटीटी भर्ती के लिए बनाए गए प्रपोजल में कुछ खामियां बताई गई है। ऐसे में शिक्षा विभाग को इसे दरूस्त करने के लिए और कसरत करनी पड़ सकती है। बताया जा रहा है कि विभाग ने सरकार को भेजे ड्राफ्ट में इस भर्ती में दो ऑप्शन दिए थे, जिसमें आऊटसोर्स व नियमित भर्ती की सिफारिश की गई थी।
इसके साथ ही इस भर्ती के लिए एक या दो वर्ष के डिप्लामा की पैरवी भी की थी, लेकिन इसमें सरकार की सहमति नहीं बनी है। एनसीटीई के नियमों के तहत इस भर्ती में दो साल का डिप्लोमा अनिवार्य है, लेकिन प्रदेश में ऐसे बहुत कम एनटीटी डिप्लोमा होल्डर्स है, जिनके पास दो साल का डिप्लोमा है।
प्रदेश में अधिकतर एन.टी.टी. के पास एक साल का ही डिप्लोमा है। ऐसे में इस भर्ती में पेंच फंस गया है। सरकार इस भर्ती को एनसीटीई के नियमों के तहत ही करवाना चाहती है, ताकि इसमें आगे कोई दिक्क्तें न आए। ऐसे में विभाग को इसमें एक बार और ड्राफ्ट बनाने के निर्देश दिए गए हैं। विभाग को जल्द ही ड्राफ्ट बनाना होगा, अन्यथा यह भर्ती मामला लटक सकती है। प्रदेश में दो माह बाद विधानसभा चुनाव होना प्रस्तावित है। ऐसे में यदि प्रदेश में सितंबर माह में इन विधानसभा चुनाव के चलते आचार संहिता लगती है, तो यह भर्ती लटक जाएगी। ड्राफ्ट फ ाइनल न होने के कारण यह मामला 31 अगस्त को होने वाली केबिनेट की बैठक में भी नहीं भेजा जा रहा है।