शकील कुरैशी : शिमला
हिमाचल प्रदेश में कोई भी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी किसी भी संस्था में 5 साल से ज्यादा समय तक पदाधिकारी नहीं हो सकेगा। सालों तक ऐसी संस्थाओं के पदों पर विराजमान अधिकारियों व कर्मचारियों को तुरंत त्यागपत्र देने के लिए कहा गया है। सरकार ने बाकायदा सर्कुलर जारी कर सभी से इस संबंध में जानकारी मांगी है और नियमों के खिलाफ पदों पर रहने पर त्यागपत्र देने को कहा गया है। सरकार के कार्मिक विभाग द्वारा जारी किए गए ऐसे सर्कुलर ने उन सभी अफसरों व कर्मचारियों के होश उड़ा दिए हैं जो सालों से किसी न किसी संस्था के साथ जुड़े हैं। सबसे प्रमुख इसमें खेल एसोसिएशन हैं जिनमें नेता तो नेता अधिकारी व कर्मचारी भी बाकायदा सदस्य या पदों पर मौजूद हैं। केंद्र सरकार के कार्मिक मंत्रालय द्वारा इस पर लगाम कसने के लिए राज्य सरकार को पत्र भेजा गया है जिसके बाद यहां कार्मिक विभाग ने पत्र जारी किया और अब सर्कुलर जारी कर जानकारी तलब कर दी है।
सूत्रों के अनुसार इस सर्कुलर में कहा गया है कि कोई भी अधिकारी या कर्मचारी अधिकतम 5 साल या फिर 2 टर्म के बाद उस संस्था में पदाधिकारी नहीं रहेगा। मगर यहां कई संस्थाएं ऐसी हैं जिनमें कई सालों से इनका कब्जा जमा है। सहकारी संस्थाओं के लिए बनाए गए एक्ट में भी इस तरह का प्रावधान है जिसको अमल में नहीं लाया जा रहा है। यहां बताना जरूरी है कि हिमाचल प्रदेश में कई खेल एसोसिएशन पंजीकृत हैं। इनमें अधिकांश सोसाइटी में सरकारी कर्मचारी मौजूद हैं।
अगर सचिवालय की ही बात करें तो यहां पर कर्मचारियों की कई सोसायटी है जिनमें कई लोग सालों से पदाधिकारी हैं। इनको लेकर भी साफ निर्देश दिए गए हैं। यहां पर सभी सरकारी संस्थाएं ही हैं जबकि दूसरे विभागों में भी ऐसी संस्थाएं हैं। इनके अलावा खेल एसोसिएशनें कई दूसरी भी हैं जिनमें भी सरकारी कर्मचारी पदाधिकारी बने हुए हैं। कई आला अधिकारी भी इनमें अध्यक्ष के पद पर मौजूद हैं तो वहीं दूसरे पदों पर भी शुमार हैं। ऐसे में अब उन सभी को पद छोडऩे होंगे और नए सिरे से इन एसोसिएशनों का गठन करना होगा।
कार्मिक विभाग ने अफसरों व कर्मचारियों से मांगी जानकारी
कार्मिक विभाग ने सभी विभागों, बोर्डों व निगमों के अफसरों, कर्मचारियों से जानकारी मांगी है और एक परफॉर्मा भी भेजा गया है।जिसमें पूछा गया है कि वह कौन अफसर या कर्मचारी कितने साल से किस संस्था के साथ जुड़ा है। किस पद पर कितने साल से है। इसकी जानकारी देने के साथ यह भी कहा गया है कि संस्था के नियमों के बारे में भी वे बताएं।
सीसीसी कंडक्ट रूल फॉलो न करने वालों में हड़कंप
कार्मिक विभाग ने कहा है कि सीसीसी कंडक्ट रूल के मुताबिक संस्थाओं में औहदेदारी सरकारी कर्मचारियों की नहीं हो सकती लेकिन, यदि है तो वह दो टर्म या 5 साल से ज्यादा नहीं होगी। इसको फॉलो नहीं करने वालों को इस संबंध में अपनी जानकारी देनी होगी कि वह किस कैपेस्टी में पद पर बने हुए हैं। इस मामले से कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है।