कांगे्रस ने इस बिल को हिमाचल के लिए बताया खतरनाक , कहा, सुविधा नहीं, निवेशक को भी भ्रम में डाल रही सरकार
हिमाचल दस्तक। तपोवन : सत्र के अंतिम दिन विपक्षी दल नेता प्रतिपक्ष मुकेश के नेतृत्व में काले रिबन बांधकर सदन में पहुंचे। मुकेश ने कहा कि हिमाचल के लिए सूक्ष्म लघु उद्योग विधेयक काला दिन व खतरनाक है। ऐसेे में विपक्ष ने इसके विरोध में काले रिबन बांधे हैं। कांग्रेस इस पाप का भागीदार नहीं बन सकती।
प्रदेश सरकार ने गलत मंशाओं के साथ इस बिल को परित किया है। ऐसा करके हिमाचल को लूटने की खुली छूट दे दी गई है। 3 वर्ष की बात कहकर यदि सरकार एनओसी की छूट देकर निवेशक बुला रही है और कार्रवाई की बात कर रही है तो यह निवेशक को भी भ्रम में डालने की बात है। हम कई बार प्रदेश सरकार पर इंवेस्टमेंट के नाम पर प्रदेश को बेचने का आरोप लगा चुके हैं और यह बिल उसी मंशा को साफ करता है। एक तरह सरकार सरकारी जमीनों को बेचने की बात कर रही है, तो वहीं कभी सरकारी होटलों व फार्मेसियों के मामले उठ रहे हैं।
अब हरियाणा में सरकारी जमीन को बेचने का निर्णय लिया जा रहा है। निवेशक प्रदेश में आएं उद्योग लगाएं, रोजगार दें। अन्य क्षेत्रों में भी प्रदेश की शर्तों के साथ निवेशक आएं और हिमाचल के युवाओं को रोजगार मिले, उसमें कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन यह कार्य सरकारी नियमों के दायरे में भी रहकर किए जा सकते हैं। इसके लिए नियमों में छूट की क्या जरूरत है। विधायक राम लाल ठाकुर, राजेंद्र राणा, सतपाल रायजादा, जगत सिंह नेगी सहित अन्य विधायको ने भी सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए।
राजनीतिक है विरोध: सीएम
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस का विरोध राजनीतिक मंशा से है। सरकार ने इस बिल में कहीं भी नियमों में छूट नहीं दी है। सिर्फ कुछ बातों में छूट दी गई है। इसमें भी सूक्ष्म व लघु उद्योग शामिल हैं। इसमें उद्योग लगाने वाले को अपनी ओर से शर्तों को पूरा करने का पत्र देना होगा और यदि शर्तों का उल्लंघन हुआ तो कार्रवाई होगी। विपक्ष राजीनीतिक एजेंडे से हटकर प्रदेश हित की भी सोचे।
6 बैठकों में 226 प्रश्नों की सूचनाओं पर दिए जवाब
तपोवन। शीत सत्र के आखिरी दिन सदन को संबोधित करते हुए विधानसभा अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने कहा कि इस सत्र में कुल 6 बैठकें आयोजित हुईं। इस दौरान कुल 220 तारांकित और 106 अतारांकित प्रश्नों की सूचनाओं पर सरकार ने उत्तर दिए। नियम-61 के तहत 1 प्रस्ताव, नियम-62 के तहत 10 प्रस्तावों में नियम-61 के अंतर्गत 1 प्रस्ताव, नियम-130 के अंतर्गत 5 प्रस्तावों में चर्चा हुई। इनमें माननीय सदस्यों ने सार्थक चर्चा की। इसके अलावा नियम 101 के तहत पिछले सत्र में प्रस्तुत संकल्प पर भी चर्चा हुई। सदस्यों ने सुझाव दिए। 4 सरकारी विधेयक चर्चा के उपरांत पारित किए गए।
नियम-324 के तहत विशेष उल्लेखन के माध्यम से 17 विषय सभा में उठाए गए और सरकार द्वारा इस संबंध में वस्तुस्थिति की सूचना उपलब्ध करवाई। सभा की समितियों ने भी 73 प्रतिवेदन व 1 प्रवर समिति का प्रतिवेदन भी सभा में प्रस्तुत एवं उपस्थापित किए। कुछ सदस्यों की सूचनाएं जिन पर समय के अभाव के कारण चर्चा नहीं हो सकी और कुछ सूचनाएं नियमों की परिधि में न आने के कारण अस्वीकृत की गईं। उन्होंने कहा कि सत्र के दौरान उनका भरसक प्रयास रहा कि सत्र की कार्यवाही सौहार्दपूर्ण वातावरण में चले, जिसमें वे कामयाब भी रहे। उन्होंने मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष के सहयोग का धन्यवाद किया।