शिमला:मंडी श्रम विभाग के दफ्तर में कर्मचारियों को डराने वाले मंत्री पुत्र के वीडियो मामले की श्रमायुक्त कार्यालय ने जांच के आदेश दिए हैं। लेबर अफसर मंडी से इस बारे में डिटेल्ड रिपोर्ट तलब की गई है। इसकी पुष्टि श्रमायुक्त एसएस गुलेरिया ने की है। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट आने के बाद आगामी कार्रवाई होगी। यदि इसमें आउटसोर्स स्टाफ की कोई संलिप्तता पाई गई तो केंद्र सरकार के मार्फत उस कंपनी को लिखा जाएगा, जिसने ये आउटसोर्स स्टाफ दिया है।
हालांकि विभाग की अपनी तहकीकात में भी कुछ नहीं बातें भी सामने आई हैं। आईपीएच मंत्री महेंद्र सिंह के बेटे रजत ठाकुर का यह वीडियो 23 दिसंबर को उस दिन बनाया गया है, जिस दिन सीएम जयराम ठाकुर की मंडी में रैली थी। इस रैली के बाद रजत ठाकुर मनरेगा पासबुक का पता करने लेबर ऑफिस गए थे। जाने से पहले रजत ठाकुर ने लेबर ऑफिस में आउटसोर्स पर नियुक्त मोटीवेटर को आने की सूचना दी थी। मोटीवेटर लेबर इंस्पेक्टर की बहन है और अंदेशा है कि इन्हीं के मोबाइल से यह वीडियो बनाया गया।
रजत ठाकुर मनरेगा के कामगार बोर्ड की पासबुक में हो रही देरी के लिए मोटीवेटर से ही बात कर रहे थे। तभी लेबर इंस्पेक्टर वहां आ गई। इसके बाद सारी बहस लेबर इंस्पेक्टर से ही हुई और मोटीवेटर वीडियो रिकॉर्ड करती रही। वीडियो बनने के बाद भी यह बाहर नहीं आया। इधर आईपीएच मंत्री की शिकायत पर लेबर इंस्पेक्टर के तबादले की प्रक्रिया शुरू हो गई। यह ट्रांसफर नोट 5 फरवरी को सीएम ऑफिस से अप्रूव हुआ और इसी दिन यह वीडियो भी जारी कर दिया गया।
गौरतलब है कि इस वीडियो में रजत ठाकुर काम न होने
पर स्टाफ को तबादले की चेतावनी दे रहे हैं और आरोप लगा रहे हैं कि एक जिला परिषद सदस्य की पंचायतों के ही फार्म निकल रहे हैं, बाकि सारे होल्ड किए गए हैं। इस वीडियो पर हालांकि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा था कि सरकारी कर्मचारियों को वीडियो बनाने के बजाये काम पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि काम हुआ या नहीं? ये तो पूछा जाएगा ही।