हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला: राज्य भर में चल रहे सरकारी कॉलेज में कार्यरत कर्मियों को अपनी हाजिरी बायोमीट्रिक मशीन में दर्ज करनी होगी। किसी भी सूरत में अगर कर्मी अपनी हाजिरी बायोमीट्रिक में दर्ज करने में एतराज जताते हैं तो उन्हें गैर हाजिर मान कर उस दिन का वेतन नहीं दिया जाए।
राज्य सरकार के निर्णय के विपरीत कार्य करने वाले कर्मियों के विरुद्ध विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए। प्रदेश हाईकोर्ट ने उक्त एक एहम निर्णय सुनाते हुए व्यवस्था दी है कि राजपत्रित और गैर राजपत्रित कर्मी राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए निर्देशों की अनुपालना करने के लिए बाध्य हैं। सरकार द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार सभी सरकारी कर्मियों को अपनी उपस्थिति बायोमीट्रिक मशीन में दर्ज करनी होगी।
न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान और न्यायमूर्ति चंदरभूसन बरोवालिया ने एक याचिका का निपटारा करते हुए मंडी स्थित वल्लभ कॉलेज के शैक्षणिक स्टाफ को आदेश दिए कि वह अपनी हाजरी अविलंब बायोमीट्रिक मशीन के माध्यम से लगाना सुनिश्चित करें ताकि विभाग द्वारा जारी निर्देशों की अनुपालना हो सके। अदालत ने राज्य सरकार के शिक्षा सचिव को भी आदेश दिए कि वह इन आदेशों की प्रति सभी शिक्षण संस्थाओं को प्रेषित कर इसकी अनुपालना सुनिश्चित करें।
इस मामले की सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि वहां कार्यरत शैक्षणिक स्टाफ के इलावा पूरा स्टाफ बायोमीट्रिक मशीन पर हाजिरी लगा रहे हैं। अदालत ने विभाग द्वारा पेश की गई इस जानकारी को गंभीरता से लिया और आदेश दिए कि सभी सरकारी कॉलेजों में कार्यरत स्टाफ बायोमीट्रिक मशीन पर हाजरी लगाएंगे। इसके अलावा सरकार यह भी सुनिश्चित करे कि आगामी छह माह में सभी बायोमीट्रिक मशीनों को इंटरनेट के माध्यम से जोड़ा जाए ताकि कर्मियों की हाजिरी किसी भी विभागीय स्तर पर चेक की जा सके।