कैबिनेट लेगी फैसला विभाग से प्रस्ताव मांगा , 50 नई पंचायतों के लिए अब तक आए आवेदन
हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला : राज्य में अगले चुनाव से पहले पंचायतों का पुनर्गठन होगा। इसके लिए जनवरी महीने से पहले पंचायतों का पुनर्सीमांकन किया जाएगा। जिन पंचायतों का एरिया और आबादी ज्यादा है, वहां नई पंचायतें बनेंगी। ऐसी पंचायतें जो दो-दो विधानसभा क्षेत्रों में बंटी हैं, उनका गठन भी नए सिरे से होगा। प्रदेश में दिसंबर 2020 में पंचायतों के चुनाव होंगे।
सरकार को नई पंचायतें बनाने, पुनर्गठन करने और पुनर्सीमांकन का काम इसी साल के आखिर तक करना होगा और इसकी सूचना रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त दिल्ली को देनी होगी। राज्य में अभी 3226 पंचायतें हैं। जनसंख्या बढ़ोतरी के कारण समय-समय पर इनका पुनर्गठन किया जाता रहा है। कई बार क्षेत्र की विपरीत भौगोलिक परिस्थितियों के कारण भी पुनर्गठन किया जाता है। प्रदेश की कई पंचायतें ऐसी हैं जो दो विधानसभा क्षेत्रों में बंटी हुई हैं। इनका पुनर्सीमांकन जरूरी है।
नए प्रस्ताव के अनुसार 6 किलोमीटर से ज्यादा एरिया वाली पंचायतों में नई पंचायत बनाई जा सकती है। यदि ऐसी पंचायतों में आबादी कम है तो उसके कुछेक क्षेत्र को दूसरी पंचायत में शामिल किया जा सकता है। पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास विभाग ने सभी जिलों के डीसी से पंचायतों के पुनर्सीमांकन को लेकर प्रस्ताव मांगे थे। विभाग के पास 50 के करीब आवेदन आए हैं। इसमें ज्यादातर आवेदन नई पंचायतों के गठन के लिए आए हैं।
कैबिनेट लेगी अंतिम फैसला
पिछले सप्ताह हुई कैबिनेट बैठक में नई पंचायतों के गठन को लेकर चर्चा की गई थी। सरकार ने पंचायती राज विभाग को इसका प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए हैं। इसमें कहा गया है कि किस आधार पर नई पंचायतें बनाई जाएं इसका पूरा खाका तैयार कर कैबिनेट में रखे। इस पर अंतिम फैसला कैबिनेट लेगी।
जनगणना से पहले बनेंगी नई पंचायतें
पंचायतों के पुनर्गठन का काम 31 दिसंबर तक करना होगा। एक जनवरी 2020 से 31 मार्च 2021 तक देश सहित हिमाचल में भी जनगणना का काम शुरू होगा। जनगणना शुरू होने से पहले पंचायतों के पुनर्सीमांकन का काम पूरा करना होगा। राज्य निर्वाचन आयोग ने इस बारे में पंचायतीराज और शहरी विकास विभाग को पत्र लिखा है।
राज्य मंत्रिमंडल ने विभाग को कहा है कि पंचायतों की सीमाओं में बदलाव से संबंधित प्रस्ताव अगली बैठक में लाया जाए। कैबिनेट में इस पर विस्तृत चर्चा की गई है। जल्द कोई फैसला हो जाएगा।
-वीरेंद्र कंवर, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री