प्रवेश शर्मा। परागपुर
परागपुर की नक्की खड्ड में मंगलवार को आजाद हिंद फौज के स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों को सम्मानित करने हेतु अमृत महोत्सव का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के संयोजक राष्ट्रीय जलपोतक बोर्ड के निदेशक संजय पराशर थे, जबकि समारोह में बतौर मुख्य अथिति के रूप में मेजर जनरल व रक्षा विशेषज्ञ (डॉ.) जीडी बख्शी ने शिरकत की।
इस मौके पर मुख्य अथिति ने हिंद फौज के स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। इस अवसर पर मुख्यातिथि जीडी बख्शी ने महाभारत के समय की गाथा सुनाते हुए कहा कि आज भी वीरों के कारनामे कायम हैं। इस हिमाचल की पावन धरती पर कैप्टन बिक्रम बत्रा व संजय कुमार जैसे परमवीर चक्र विजेता हैं और इस धरती पर पहला परमवीर चक्र भी हिमाचल के मेजर सोमनाथ को मिला। इसलिए मैं इस धरा को नमन करता हूं।
पाकिस्तान कश्मीर की स्थिति खराब करने की कोशिश तालिबान व तुर्की की शह पर कर रहा है, क्योंकि तुर्की विश्व का खलीफा बनने के ख्वाब देख रहा है, लेकिन उनके ख्वाब हमारे सैनिकों के होते हुए कभी भी पूरे नहीं होंगे। हमने 80 हजार सैनिकों का बलिदान कश्मीर में दिया जो बेकार नहीं जाएगा, क्योंकि अब भारत वो भारत नहीं अब सबक सिखाने वाले इस देश की सत्ता में विराजमान हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल की पावन भूमि में आने के दो मकसद हैं, एक तो इस कार्यक्रम में आना था। कर्नल मेहर दास की मूर्ति पर पुष्प भेंट करना था।
उन्होंने कहा कि जो देश अपने शहीदों को भूल जाता है, वह देश देश नही रहता। आज जो अंतरराष्ट्रीय माहौल बन रहा है, वो होने वाले महाभारत का है। इसलिए हमें लडऩे के लिए तैयार रहना है और हम लड़कर जीतेंगे। आजाद हिंद फौज की कुर्बानियों की वजह से ही आज हम इस मुकाम पर पहुंचे हैं और खुली हवा में आजादी का आनंद उठा रहे हैं।
उन्होंने फौज के कई वीरता के किस्से भी लोगों को सुनाए। इससे पूर्व मंच से पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार का संदेश ऑडियो के द्वारा सुनाया गया जिसमें उन्होंने बख्शी के हिमाचल आगमन पर उनका स्वागत किया व संजय पराशर द्वारा किए जा रहे सामाजिक कार्यों की प्रशंसा की।
इस मौके पर संजय पराशर की धर्मपत्नी सोनिका पराशर, हार पंचायत प्रधान गुरचरण सिंह, समाजसेवी हेमराज शर्मा, अजय ठाकुर सहित हजारों की संख्या में जसवां परागपुर के लोग मौजूद थे।
संजय पराशर जैसे स्वच्छ व्यक्ति राजनीति में आएं
हालांकि परागपुर में स्वतंत्रता सैनिकों के परिवारों के सम्मान में मंगलवार को कार्यक्रम आयोजित किया गया था, लेकिन मंच से कई वक्ताओं ने जसवां परागपुर के पिछड़े होने की चर्चा को छेड़कर और यह नारे लगाकर कि हमारा नेता कैसा हो संजय पराशर जैसा हो, ने माहौल को राजनीतिक बना दिया। इस कारण परागपुर से उठी आवाज ने यह भी संदेश दिया कि इस बार जसवां परागपुर विस क्षेत्र से नया चेहरा संजय पराशर भी विस चुनाव लड़ सकते हैं।
हालांकि वह निर्दलीय उम्मीदवार के रुप में चुनाव लड़ेंगे या किसी पार्टी के बैनर तले यह स्पष्ट नही हुआ। वैसे संजय पराशर आरएसएस पृष्ठभूमि से सम्बंध रखते हैं और राष्ट्रीय भाजपा हाईकमान से भी उनके तार जुड़े हुए हैं।
वहीं मेजर जनरल जीडी बख्शी ने भी इसी और इशारा करते हुए कहा कि अमीर वो नहीं जो पैसे से अमीर हो बल्कि दो हाथों से कमाकर चार हाथों से बांटे वो अमीर होता है और संजय पराशर उन्ही में से एक हैं, इसलिए पराशर जैसे स्वच्छ व्यक्ति को राजनीति में आना ही चाहिए।
इन्होंने करोनाकाल में भी करोड़ों रुपए की दवाइयां सरकार व स्वास्थ्य विभाग को दी और आम लोगों को अपने स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाएं मुफ्त में उपलब्ध करवाई और समाजसेवा के कार्य भी बढ़चढ़कर कर रहे हैं।
ऐसे में जसवां परागपुर की राजनीति कब किस करवट बदलती है, यह फिलहाल भविष्य के गर्भ में दफन है, लेकिन यह बात इस मंच से साफ हो गई कि संजय पराशर आगामी विस का चुनाव अवश्य लड़ेंगे। परागपुर के नक्की में हुए कार्यक्रम ने जसवां परागपुर में राजनीतिक हलचल जरूर पैदा कर दी है, वहीं कई नेताओं की धुकधुकी भी बढ़ा दी है।