राजीव भनोट : सियासतनामा
हिमाचल की सियासत में मुख्य रूप से भाजपा व कांग्रेस का दबदबा है। दोनों दलों के प्रभारियों की अहम भूमिका यहां की सियासी दशा-दिशा तय करने में रहती है। भारतीय जनता पार्टी में संगठनात्मक रूप से प्रभारी को विशेष दर्जा प्राप्त है और संगठनात्मक बैठकों में प्रभारी लगातार शामिल होकर सरकार के साथ-साथ संगठन को भी दिशा देने का विशेष काम करते हैं। यही मुख्य कारण है कि भाजपा की संगठनात्मक गतिविधियां सदैव चलती रहती हैं।
भाजपा में प्रभारी के नाते नरेंद्र मोदी भी काम कर चुके हैं। समझा जा सकता है कि प्रदेश में प्रभारियों का किस प्रकार से महत्व है। कांग्रेस की बात करें तो यहां अनेक आला नेताओं को प्रभारी के नाते रखे गए हैं। फिलहाल कांग्रेस के प्रभारी के रूप में राजीव शुक्ला हैं, जो सीधे सोनिया गांधी के परिवार से जुड़े हुए हैं। भाजपा ने पंजाब के नेता अविनाश राय खन्ना को प्रभारी बनाया है। प्रभारियों की सियासत को यदि गौर से देखें तो खन्ना, शुक्ला पर भारी पड़ते नजर आ रहे हैं।
फील्ड में जहां अविनाश राय खन्ना लगातार आ रहे हैं और कार्यकर्ताओं से संपर्क साध रहे हैं, भाजपा की बैठकों में शामिल होकर नई रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं। वहीं कांग्रेस के प्रभारी राजीव शुक्ला दिल्ली से ही रिमोट कंट्रोल द्वारा पार्टी को चलाने का काम कर रहे हैं। शुक्ला की तैनाती के बाद कांग्रेस में कोई व्यापक परिवर्तन नजर नहीं आया है, जिसके कारण पंचायती व शहरी निकाय चुनावों पर नजर डालें तो पार्टी का प्रदर्शन कमजोर रहा है। प्रभारी के नाते कांग्रेस को भी सक्रियता की कमी खल रही है।
राजीव शुक्ला पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं और माना जा रहा है कि वह गांधी परिवार से जिस प्रकार की नजदीकियां रखते हैं वह निर्णय लेने की स्थिति में हैं और हिमाचल में भाजपा को टक्कर देने के लिए कांग्रेस को पटरी पर लाने का काम कर सकते हैं। कांग्रेस अनेक मुद्दे होने के बावजूद आंदोलन करने में अधिक सफल नहीं हो पा रही है।
साफ है कि कांग्रेस के नेता प्रभारी की ओर मुंह किए बैठे हैं और प्रभारी की ओर से कोई निर्देश ना मिलने से नेता भी दबी जुबान में ठंडे बस्ते में ही सड़कों पर उतरने की योजना को लेकर बैठे हुए हैं, जबकि भाजपा सीधे-सीधे आक्रामक मूड में है और भाजपा के प्रभारी अविनाश राय खन्ना लगातार पार्टी को नई दिशा देने का काम कर रहे हैं। अविनाश राय खन्ना कांग्रेसी पर सेर नहीं बल्कि सवा सेर साबित हो रहे हैं और प्रभारियों की जंग में फिलहाल बढ़त भाजपा प्रभारी अविनाश राय खन्ना बनाए हुए हैं। प्रभारी का दायित्व मिलने के बाद से लगातार अपनी उपस्थिति से संगठन को सक्रिय कर दिया है।