केवडिया : राष्ट्रीय एकता दिवस पर देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अनुच्छेद 370 हटाए जाने के फैसले का बृहस्पतिवार को यह कह कर बचाव किया कि जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने के प्रावधानों से राज्य में सिर्फ और सिर्फ आतंकवाद ही फैला।
सरदार पटेल की 144वीं जयंती के अवसर पर यहां स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर आयोजित एक समारोह में प्रधानमंत्री की अगुवाई में लोगों ने राष्ट्रीय एकता की शपथ भी ली। जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किए जाने का संदर्भ देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, जम्मू कश्मीर और लद्दाख में नई व्यवस्था का मतलब जमीन पर लकीर खींचना नहीं बल्कि विश्वास की एक मजबूत कड़ी बनाना है। गौरतलब है कि आज से जम्मू कश्मीर और लद्दाख दो नए केन्द्र शासित क्षेत्र के रूप में अस्तित्व में आ गए।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरदार पटेल से प्रेरित हो कर उनकी सरकार भावनात्मक, आर्थिक और संवैधानिक एकीकरण की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि इसके बिना 21वीं सदी में एक शक्तिशाली भारत की कल्पना करना मुश्किल होगा। पाकिस्तान पर कटाक्ष करते हुए मोदी ने कहा कि जो लोग हमारे खिलाफ जंग नहीं जीत सकते, वो हमारी एकता को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा देश ने अनुच्छेद 370 को खत्म करने का फैसला किया जिसने जम्मू कश्मीर को सिर्फ अलगाववाद और आतंकवाद दिया।
उन्होंने कहा आतंकवाद के तीन दशक में 40,000 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। मोदी ने कहा कि सरदार पटेल से प्रेरित हो कर ही उन्होंने अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाने का फैसला किया। उन्होंने यह फैसला देश के पहले गृह मंत्री के चरणों में समर्पित किया। देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए मोदी ने कहा एक बार पटेल ने कहा था कि अगर वह कश्मीर मुद्दे से निपटते तो इसके समाधान में इतना लंबा समय नहीं लगता। सत्ताधारी भाजपा कश्मीर मुद्दे के लिए अक्सर पंडित नेहरू पर दोष मढ़ती है।
उग्रवाद प्रभावित पूर्वाेत्तर क्षेत्र में शांति के लिए की गई अपनी सरकार की पहलों का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा पूर्वाेत्तर अब अलगाववाद से जुड़ाव की ओर अग्रसर है क्योंकि दशकों पुरानी समस्याओं का समाधान करीब है। पाकिस्तान का नाम लिए बिना मोदी ने कहा कि कुछ तत्व अलगाववाद और आतंकवाद फैला कर भारत की विविधता में एकता को नुकसान पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन सदियों की कोशिशों के बावजूद कोई भी न तो हमें मिटा पाया और न ही परास्त कर पाया। उन्होंने कहा अनेकता में एकता हमारा गौरव और हमारी पहचान है और इतनी अधिक विविधता के बावजूद हमारी एकता से दुनिया को हैरत होती है।
प्रधानमंत्री ने कहा जब हम दूसरे संप्रदाय और धर्मों की परंपराओं एवं मान्यताओं का सम्मान करते हैं तो (लोगों के बीच) प्यार तथा जुड़ाव बढ़ता है। उन्होंने कहा, जब सरदार पटेल ने 500 से अधिक रियासतों का एकीकरण शुरू किया तो कई शासकों को एकता की भावना ने भारत में विलय के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा सदियों पहले चाणक्य ने भारत को एकजुट किया था और बाद में सरदार पटेल ने यह किया। चाणक्य प्रख्यात दार्शनिक थे। कहा जाता है कि वह सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य के सलाहकार थे।
हर साल 31 अक्टूबर को देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के तौर पर मनाया जाता है। इसकी शुरुआत वर्ष 2014 में की गई थी। पटेल की जयंती पर आयोजित समारोह में सीआरपीएफ जवान नसीर अहमद की पत्नी ने प्रधानमंत्री मोदी को राष्ट्रीय पुलिस स्मारक की एक प्रतिकृति प्रदान की। यह पुलिस स्मारक दायित्व निर्वाह करते हुए जान गंवाने वाले, राज्य एवं केंद्र के 34,000 से अधिक पुलिस कर्मियों की याद में बनाया गया है। फरवरी 2019 में जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के जवान नसीर अहमद शहीद हो गए थे।
केवडिया में प्रधानमंत्री मोदी ने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर सरदार वल्लभ भाई पटेल को पुष्पांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री जब पटेल को पुष्पांजलि अर्पित कर रहे थे तभी भारतीय वायुसेना के एक हेलीकॉप्टर से दुनिया की इस सबसे ऊंची प्रतिमा पर फूल बरसाए गए।
प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले साल आज ही के दिन सरदार पटेल की 182 मीटर ऊंची इस प्रतिमा का अनावरण किया था। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर मौजूद लोगों को राष्ट्रीय एकता की शपथ भी दिलवाई।
उन्होंने एकता परेड देखी जिसमें गुजरात पुलिस, जम्मू कश्मीर पुलिस, सीआरपीएफ और सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने हिस्सा लिया।
केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) ने इस मौके पर मॉक ड्रिल प्रदर्शित किए।