ललित ठाकुर । पधर : हिमाचल प्रदेश में जब से भाजपा की सरकार सत्तासीन हुई है तब से स्वास्थ्य सेवा पूरी तरह से चरमरा गयी है । जहां एक और कई अस्पताल व स्वास्थ्य केंद्र डॉक्टरों की कमी से जूझ रहे हैं वही अस्पतालों में स्थापित उपकरण और लैब बिना टेक्निकल स्टाफ के शोपिश बने हुए है।
एक तरफ प्रदेश सरकार सड़क , शिक्षा और स्वास्थ्य के बेहतर दाबे करना नही थकती वही द्रंग विधानसभा क्षेत्र की पाली पंचायत में स्थापित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पाली इन दिनों बिना डॉक्टर के सफेद हाथी बन गया है । क्योंकि पाली स्वास्थ्य केंद्र में तैनात डॉक्टर अधिकतर समय डेपुटेशन में ही रहती है । जिसका सेवा आश्रय संगठन द्रंग ने कड़ा संज्ञान लिया है । संगठन के अध्यक्ष लोकेश ठाकुर उर्फ लक्की , महासचिव कुलदीप सिंह , सचिव हेम सिंह , कोषाध्यक्ष कर्म सिंह , प्रेस सचिव ललित ठाकुर , इंजीनियर घनश्याम , तीर्थ राज , लालमन , प्रताप सिंह , भरत भूषण , सोनी , चमन लाल , सहित अन्य लोगो का कहना है कि स्वास्थ्य केंद्र में तैनात डॉक्टर का हमेशा ही डेपुटेशन रहती है ।
वहीं महिला डॉक्टर पाली में हप्ते में एक या दो दिन अपनी सेवाएं दे रही है जिस कारण प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पाली में आने जाने वाले रोगियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है । स्थानीय निवासी हेम सिंह का कहना है कि अगर स्वास्थ्य केंद्र पाली में डॉक्टर मरीजो को चेक करने के लिए बैठती है तो रोज की ओपीडी 50 के लगभग होती है लेकिन जब केंद्र में डॉक्टर नही होती है तो उस दिन भी पन्द्रह से बीस ओपीडी केंद्र में रहती है ।
सेवा आश्रय संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि डॉक्टर के डेपुटेशन और छुट्टी लेकर केंद्र के नोटिस बोर्ड में कोई भी रोस्टर नही लगाया जाता है जिस कारण मरीज भी सस्पेंस में रहते है कि कब डॉक्टर यहां आते कब नही । वही कहना है कि स्वास्थ्य केंद्र में स्थापित लैब में उपकरण और सामान न आने से मरीजो की स्वास्थ्य की जांच भी नही हो पा रही है ।
वहीं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में अन्य उपकरण भी बिना टेक्निकल ऑपरेटरों के शोपिश बने हुए है । जिस पर सेवा आश्रय संगठन द्रंग के कार्यकर्ताओं ने स्वास्थ्य विभाग से टेक्निकल ऑपरेटर को भेजने की भी मांग की है अन्यथा सेवा आश्रय संगठन आंदोलन की राह अपनाने से गुरेज नही करेगा ।
वहीं सेवा आश्रय संगठन के सचिव हेम सिंह का कहना है अगर डॉक्टर की ड्यूटी महीने के दो दिन पधर अस्पताल में लगाई जाती है तो बाकी दिनों में महिला डॉक्टर पाली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में क्यों नही बैठती जिसकी आरटीआई के माध्यम से जानकारी जुटाई जायगी ।
पाली में तैनात महिला डॉक्टर का कोई भी डेपुटेशन नही होता है बल्कि महीने के दो दिन पधर अस्पताल में नाईट ड्यूटी लगाई जाती है । पिछले महीने हमारा टीवी को लेकर अभियान चला था तो जिसमे सभी डॉक्टरों ने दिन रात काम किया था ऊपर से दिसम्बर महीना होने से डॉक्टर की केजुअल लिव भी बनती है उस बजह से डॉक्टर छुट्टी पर गयी है । पाली में रोस्टर सिस्टम को लगाने के लिए कहा जाएगा । पाली में जितने भी टेस्ट स्वीकृत है वो सभी हो रहें हैं ।डॉक्टर अनुराधा शर्मा , बीएमओ पधर