रमित शर्मा : भोरंज
उपमंडल भोरंज में पानी के लिए हाहाकार मची है। कई गांवों में 10 से 12 दिनों बाद पानी आ रहा है। वह भी केवल नाममात्र जबकि कई गांवों में सप्ताह में एक बार पेयजल की सप्लाई हो रही है। विभाग का दावा है कि स्कूलों और अस्पतालों में पानी पर्याप्त उपलब्ध करवाया जा रहा है, लेकिन विभाग के ये दावे झूठे साबित हो रहे हैं। कुछ दिनों से जिस तरह गर्मी ने अपना प्रंचड रूप दिखाया है, इससे उपमंडल में और पानी की समस्या पैदा हो गई है। जिला की कई पेयजल योजनाएं सूखने की कगार पर पहुंच गई हैं। पेयजल योजनाओं के सूखने से गांवों में पानी की पर्याप्त सप्लाई नहीं हो पा रही है। स्कूलों में भी पानी की सप्लाई न होने के कारण मिड-डे मील बनाने में भी दिक्कतें पेश आ रही हैं। भरेड़ी कस्बे में तो लोगों को अब महंगे दामों पर टैंकरों से पानी मंगवाना पड़ रहा है। पानी न मिलने के कारण लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
पानी की समस्या से निपटने के लिए करोड़ों रुपयों की योजनाएं बनाई गई हैं, लेकिन इन योजनाओं के बनने के बाद भी पानी की समस्या हल नहीं हुई और पानी की समस्या और अधिक विकराल होती जा रही है। पानी की समस्या से निपटने के सरकार के दावे भी फेल होते नजर आ रहे हैं। इस संदर्भ में जल शक्ति विभाग भोरंज के अधिकारियों का कहना रहता है कि भोरंज की 32 योजनाओं में से 17 योजनाएं सूख चुकी हैं जिस वजह से पानी की समस्या हो रही है। विभाग के अधिकारी भी हमेशा इन योजनाओं के सूखने का बहाना लगा देते हैं। अगर कुछ दिन बारिश और नहीं होती है तो भोरंज में पानी की समस्या एक गंभीर रूप धारण कर सकती है। भोरंज में गर्मियों में कई पेयजल योजनाएं सूखने की कगार पर हैं।
गर्मी की वजह से कई योजनाएं प्रभावित हुई हैं जिस कारण लोगों को पीने के पानी की किल्लत हो रही है। लेकिन दो बड़ी पेयजल योजनाओं के माध्यम से भोरंज में पानी की आपूर्ति की जा रही है जहां भी पानी की समस्या आ रही है। वहां पर समस्या को हल किया जा रहा है व पानी उपलब्ध करवाया जा रहा है।
ओमप्रकाश भारद्वाज; अधिशाषी अभियंता, जल शक्ति विभाग, भोरंज।