मुख्यमंत्री का आह्वान, पशुओं को बेसहारा न छोड़ें, सिरमौर के कोटला में गौ अभयारण्य, सीएम ने किया ‘गौ माता का मानव स्वास्थ्य पर प्रभाव’ सम्मेलन का उद्घाटन
हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला : मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मंगलवार को गौ माता का मानव स्वास्थ्य पर प्रभाव विषय पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में कहा कि गौ माता मानव के स्वास्थ्य के साथ-साथ प्राकृतिक खेती के लिए भी अत्यंत लाभदायक है। प्रदेश सरकार गौवंश की देसी नस्लों के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है।
इस कार्यक्रम का आयोजन आरोग्य भारती और कल्याणी पहाड़ी गऊ विज्ञान केंद्र, राम कमल चैरिटेबल और रिलिजियस ट्रस्ट शिमला द्वारा पोर्टमोर विद्यालय में किया जा रहा है। सीएम ने कहा कि सरकार ने शुरू से ही गौ संरक्षण बोर्ड के गठन और प्रति शराब की बोतल पर एक रुपये का टैक्स लगाने का निर्णय लिया, जिससे प्रदेश में गौ अभ्यारण्य और गौ सदनों का निर्माण एवं रखरखाव किया जा रहा है। इससे बेसहारा पशुओं को आश्रय प्राप्त होगा। उन्होंने लोगों से पशुओं को बेसहारा न छोडऩे का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अधिक दूध उत्पादन के लिए विज्ञानी और पशुपालक गौवंश की विदेशी और आयातित नस्लों का चुनाव कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब लोगों ने देसी गौ नस्लों के महत्व को पहचाना है, जिसमें स्वास्थ्य लाभों के अतिरिक्त इन नस्लों का भारतीय भौगोलिक परिस्थितियों के अनुकूल होना है।
उन्होंने गैर सरकारी संगठनों तथा धार्मिक संस्थाओं से गौ की देसी नस्लों के संरक्षण के लिए आगे आने का आह्वान किया। राज्य सरकार शीघ्र ही सिरमौर जिला के कोटला में गौ अभयारण्य स्थापित करने जा रही है। प्रदेश के अन्य भागों में भी बेसहारा पशुओं को आश्रय प्रदान करने के लिए ऐसे अभयारण्य स्थापित किए जाएंगे।
गाय ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ : भारद्वाज
शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि गाय को न केवल पवित्र पशु माना जाता है, अपितु ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ भी है। गाय का प्रत्येक पदार्थ मानव तथा प्रकृति के लिए उपयोगी होता है।
गौरी परियोजना को मिलेगी मंजूरी : कंवर
ग्रामीण विकास, पंचायती राज और पशु पालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि केंद्र सरकार ने प्रदेश में वर्गीकृत वीर्य (सेक्स सॉर्टेड सीमेन) परियोजना को मंजूरी प्रदान की है, ताकि देसी प्रजाति के पशुओं को बढ़ावा दिया जा सके। उन्होंने कहा कि पहाड़ी प्रजाति की गाय को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार ने गौरी परियोजना तैयार की है जिसे केंद्र सरकार से शीघ्र ही स्वीकृति मिल जाएगी। राष्ट्रीय संगठन आरोग्य भारती के सचिव डॉ. अशोक, आरोग्य भारती के राष्ट्रीय सचिव डॉ. राकेश पंडित ने भी अपने विचार रखे।