राजेंद्र ठाकुर। स्वारघाट
उपमंडल स्वारघाट व नालागढ़ की सीमा स्वारघाट में मध्य जलागम परियोजना के तहत बनाए गए झिलनुमा चैकडैम में अचानक सैकड़ों मछलियां मरने से वातावरण में बदबू फैल गई। गौरतलब हो की कुछ साल पहले बनाए गए इस डैम में किसी ने मछलियां डाली तो जिनकी संख्या काफी बढ़ गई थी। गत दिनों हुई भरी बरसात के कारण इस झिलनूमा डैम में गंदा पानी व लोगों द्वारा इस डैम के किनारे फैंका गया कचरा भी बह कर इसमें समा गया। जिसके चलते पानी प्रदूषित हो गया। मछलियों के मरने का सिलसिला पिछले कल मंगलवार से शुरू हुआ है। आज सुबह ही जब कुछ लोग इन मछलियों को आटा ढालने के लिए वहां पर पहुंचे तो सैंकड़ों मछलियां मरी पाई।
गौरतलब है कि स्वारघाट कस्बे के काफी वाशिंदे अपने घरों तथा दुकानों से निकाला कचरा इस झिलनुमा डैम के आसपास खुले में फेंक रहे हैं। हो सकता है की इसी कचरे में कोई जहरीला पदार्थ हो जो बह कर इस डैम में चला गया हो जिससे मछलियां काल का ग्रास बन गई हो। उधर व्यापार मंडल स्वारघाट के प्रधान महेंद्र सिंह राणा ने इस बात की जानकारी एसडीएम स्वारघाट को दी। उन्होंने यह जानकारी एसडीएम नालागढ़ को दी है क्योंकि डैम का क्षेत्र नालागढ़ में पड़ता है। एसडीएम स्वारघाट सुभाष गौतम की सूचना पर नालागढ़ से मत्स्य विभाग के कर्मचारी मौके पर भेजे गए हैं ताकि मछलियों के मरने के कारण का पता चल सके। व्यापार मंडल स्वारघाट के प्रधान महेंद्र सिंह राणा ने प्रशासन से गुहार लगाई है की जिन लोगों ने खुले में कूड़ा कचरा फैंका है उनके खिलाफ उचित करवाई की जाए तथा ग्राम पंचायत को यहां पर कोई खड्डा बनाए जिसमे लोग अपने घरों का कचरा डाले। ताकि आइंदा ऐसी घटना ना घाटे तथा क्षेत्र साफ सुथरा रह सके।