रात के अंधेरे में जलाया जा रहा प्लास्टिक लोगों को पेश आ रही दिक्कतें
प्लास्टिक वैन होने के बाबजूद धड़ाधड़ चले दशहरा मेला में प्लास्टिक बैग
हिमाचल दस्तक, प्रेम वर्मा। लगवैली
एक तरफ तो केंद्र सरकार और हिमाचल सरकार प्लास्टिक बैग को पूर्णतया बंद करने का दम भर रही हैं। दूसरी तरफ अंतरराष्ट्रीय दशहरा पर्व के दौरान खुलकर प्लास्टिक का उपयोग किया गया है। इस का जीता जागता उदाहरण हैं कुल्लू के खेल मैदान ओर कोर्ट कॉम्प्लेक्स के पिछले मैदान की हालात को देखकर ही लगता है। हजारों किलोग्राम के हिसाब से दोनों मैदानों में ये प्लास्टिक का कचरा जमा है। बाहरी राज्यों से आए हुए अस्थायी व्यपारियों ने इस दशहरा मैदान मे लगभग एक माह तक चांदी कुटी लेकिन जाते समय कुल्लू शहर को प्लास्टिक ओर कूड़े के रुप में सौगात छोड़ गए।
यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि जब प्लास्टिक पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा है तो पूरे दशहरा पर्व के दौरान प्रशासन कुंभकरणी नींद क्यूं सोया हुआ था। लोगों का प्रशासन के प्रति ये रोष भी है की इस प्लास्टिक वेस्ट को नगर परिषद भी समय पर साफ नहीं करवा रही है जिस प्लास्टिक कचरे को लावारिस पशु खा रहे हैं जिससे उनके बीमार होने की भी संभावना बड़ रही है। ऊपर से जो ढालपुर मैदान कुल्लू शहर की सुंदरता को चार चांद लगाता है, उस पर गंदगी का ग्रहण लग गया है। कुल्लू घाटी मे हो रही भारी बारिश के कारण शहर के चारों मैदान गंदगी के साथ बदहाल की हालात में है।
जिला कुल्लू के ढालपुर मैदान के चारो तरफ प्लास्टिक व कचरे का ढेर फैला हुआ है जिसे रातों रात खुले मैदान में जलाया जा रहा है। जो कि पर्यावरण जो दूषित कर रहा है परंतु स्थानीय निवासी व ढालपुर मैदान के समीप अस्पताल में अपना इलाज करवा रहे व्यक्ति के स्वास्थ्य पर भी इसका प्रभाव पड़ रहा है। रातों रात शरारती तत्वों द्वारा जलाए जा रहे कुड़े व प्लास्टिक के ढेरों से पर्यावरण को भी नुक्सान पहुंच रहा है। ऐसे में स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन मांग की है कि कुड़े-कचरे जलाए जाने वालों को कड़ा सबक सिखाया जाए।
नगर परिषद कुल्लू के उपाध्यक्ष गोपाल कृष्ण महंत ने बताया कि नगर परिषद कुल्लू सफाई के लिए हमेशा तत्पर हैं। बारिश के कारण सफाई के काम में व्यवधान पड़ गया है। मौसम साफ होते ही मैदानों से कूड़ा करकट उठा लिया जाएगा।