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गांधी जयंती पर नाहन जेल में सजी कवियों की महफिल
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भाषा एवं संस्कृति विभाग ने जिला स्तरीय कवि सम्मेलन का किया आयोजन
हिमाचल दस्तक। नाहन : भाषा एवं संस्कृति विभाग नाहन ने गांधी जयंती के अवसर पर बुधवार को आदर्श केंद्रीय कारागार नाहन में जिला स्तरीय कवि सम्मेलन आयोजित किया। इसमें कवियों के साथ कैदियों ने भी अपनी प्रस्तुति देकर खूब समां बांधा। कार्यक्रम में जेल उपअधीक्षक विकास भटनागर ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की।
कार्यक्रम की अध्यक्षता नासिर यूसुफजई ने की। इस दौरान जिला भाषा अधिकारी अनिल हारटा विशेष रूप से मौजूद रहे। मंच का संचालन डॉ. ईश्वर राही ने किया। इसके बाद नरेंद्र सिंह ने अब मेरे देश में केवल, कविता से कवि सम्मेलन का आगाज किया। चिरआनंद ने भक्ति से ओतप्रोत कविता सुना अपने काव्य कौशल का प्रदर्शन किया।
शायर जावेद उल्फत ने जो मजलूमों की जुबां नहीं, जो हक की बात नहीं करता, वो दो कौड़ी का लेखक है, वो शायर है दो पैसे का कविता से भोंपू शायरों पर कटाक्ष करते हुए खूब तालियां बटोरीं। शबनम शर्मा ने कहीं ऐसा न हो तेरे नामों का निशां न बचे, रेखा चौहान ने न अबला हूं न बेचारी हूं, धनवीर परमार ने वीर हूं विरासत से हूं पेश की।
सुरेंद्र धर्मा ने मैं हूं दुखियारी, पंकज तन्हा ने धूल से सनी गांधी तेरी तस्वीर को खूंटे से उतार का पोंछा गया, डॉ. प्रमोद पारीक हम है नाहन नगर के निवासी हंसीं, डॉ. ईश्वर राही ने सपने में मुलाकात वो भी राष्ट्रपिता गांधी से, ऊषा सूर्यवंशी ने होती है, पीर सांसों में जख्म दिल के गहरे हैं, दीप चंद कौशल ने काश खुद को रोक लेता, अर्चना शर्मा ने अपनी ममता नहीं भूलती पगली, कांति सूद ने ऐ भारत के शहीदों माताओं के मुरीदों, विजय रानी बंसल ने प्रेम अहिंसा का पाठ भुलाकर, सुमित्रा देवी ने ये हिंदुस्तान हमारा है और नासिर यूसुफजई ने गजल प्रस्तुत की।
इस मौके पर सभागार में बैठे बंदी भी अपनी कला को रोक नहीं पाए। बंदी नर सिंह ने हम सबके हैं प्यारे बापू, प्रमिता ने हिमाचल के लोगों जरा ये तो सोचो और पवन शर्मा ने हर कर्म अपना करेंगे ऐ वतन तेरे लिए गीत सुनाया।