- पांवटा साहिब, कालाअंब और डमटाल में भी प्रदूषण लेवल ज्यादा
- शिमला और मनाली की हवा अभी तक जहर मुक्त
वरिष्ठ संवाददाता : शिमला
हिमाचल प्रदेश को सबसे बड़ा औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन रहने लायक नहीं रह गया है। बीबीएन की हवा में इन दिनों जहरीली हो चुकी है। एयर क्वालिटी इंडेक्स तय मानकों से ज्यादा है। इतना ही नहीं पांवटा साहिब, कालाअंब और कांगड़ा के डमटाल का प्रदूषण लेवल भी ज्यादा है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी एयर क्वालिटी इंडेक्स में बद्दी का प्रदूषण स्तर 163 तक पहुंच गया। 51 से 100 तक संतोषजनक जोन में आ जाता है। इसके 101 से 200 तक मॉडरेट और उससे ऊपर खराब जोन में चला जाता है।
बद्दी के अलावा सिरमौर के पांवटा साहिब का एयर क्वालिटी इंडेक्स लेवल 133, बरोटीवाला 114, नालागढ़ 113, कांगड़ा के डमटाल का 105 और कालाअंब का स्तर 103 रहा। साथ ही शिमला का प्रदूषण स्तर 72 और मनाली का 32 रहा। इसमें केवल शिमला और मनाली ही बेहतर जोन में है। गौरतलब है कि एयर क्वालिटी इंडेक्स हर दिन बदलता रहता है। बीबीएन में वायु प्रदूषण का स्तर प्रदेश के अन्य जिलों से अधिक है।
कुओं-बावडिय़ों का पानी पीने लायक नहीं बचा
उद्योगों से निकलने वाले धुएं और वाहनों की अत्याधिक आवाजाही से प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। उद्योगों में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से लगाए उपकरण केवल दिखावे के लिए हैं। अधिकांश उद्योग अपना दूषित पानी सीधा जमीन में छोड़ रहे हैं, जो जमीन से होता हुआ जल स्रोतों तक पहुंच रहा है। बीबीएन के अधिकतर कुओं और बावडिय़ों का पानी पीने लायक नहीं है। अत्याधिक खनन से बीबीएन की अधिकांश नदी नाले सूख गए हैं। इनमें पानी बचा है, वह पीने लायक नहीं है।
कोरोना में नीचे आ गया था प्रदूषण स्तर
कोरोनाकाल में औद्योगिक क्षेत्र के बीबीएन का प्रदूषण का स्तर काफी नीचे आ गया था, लेकिन अब वापस उसी स्तर पर पहुंच गया है। यहां पर वायु और जल प्रदूषण दोनों ही बहुत अधिक है। उद्योगों से निकलने वाले धुएं और वाहनों की अत्याधिक आवाजाही से प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है।