शिमला:
प्रदेश का कोई भी नागरिक प्रदेश में होने वाले अपराध या अपराधी की सूचना पुलिस को अब घर बैठे दे सकता है। जब भी वह ऐसी सूचना देगा तो उसकी पहचान भी सार्वजनिक नहीं होगी। प्रदेश पुलिस ने एक अपराध मुक्त हिमाचल नामक एक मोबाइल ऐप्लीकेशन तैयार की है।
इसकी लांचिंग मंगलवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने की। इस मोबाइल ऐप्लीकेशन में सूचना देने वाले व्यक्ति को एक ऑप्शन दिया गया है कि उसमें जाकर वह अपनी पहचान तक पुलिस से छिपाते हुए अपराध की सूचना शेयर कर सकता है। पुलिस ने इस मोबाइल ऐप्लीकेशन को इसलिए शुरू किया है क्योंकि प्रदेश के लोग कोर्ट-कचहरी के चक्कर के डर से पुलिस को किसी भी अपराध की सूचना नहीं देते हैं।
लेकिन अब इस मोबाइल ऐप्लीकेशन द्वारा सूचना देने वाला व्यक्ति अब पुलिस और कोर्ट के चक्कर में नही फंसेगा और अपराध और अपराधी की सूचना भी पुलिस तक पहुंच जाएगी। जनता द्वारा प्रदान की गई जानकारी को एक नोडल कार्यालय में एकत्रित किया जाएगा और संबंधित अधिकारी को आवश्यक कार्रवाई के लिए भेजा जाएगा।
इस मोबाइल ऐप्लीकेशन में शिकायतकर्ता एवं मुखबिर हिंदी व अंग्रेजी में लगभग 500 शब्दों की सूचना लिख सकता है। इस ऐप्लीकेशन में शिकायतकर्ता एवं मुखबिर के पास अपना नाम व फोन नंबर देने का भी विकल्प है। यदि वह अपनी जानकारी साझा नहीं करना चाहता है तो भी उसके द्वारा प्रदान की गई सूचना पर त्वरित कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
ऐप के शुभारंभ अवसर पर मुख्य सचिव अनिल खाची, प्रधान सचिव गृह जेसी शर्मा, गृह रक्षा विभाग के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अतुल वर्मा, पुलिस महानिरीक्षक हिमांशु मिश्रा, आईजी सीआईडी दलजीत ठाकुर, आईजी पुलिस प्रशिक्षण कॉलेज डरोह अतुल फुलझले, आईजी अनुसंधान और प्रशिक्षण एपी सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे।
अपराध रोकने में भी मददगार होगा मोबाइल ऐप
हिमाचल प्रदेश पुलिस का इस मोबाइल ऐप्लीकेशन का मुख्य उद्देश्य जनता द्वारा समाज में घटित हो रहे अपराधों और अपराधियों से संबंधित सूचना को पुलिस तक पहुंचाना है। सूचना प्रदाता की पहचान गुप्त रखी जाएगी। इस मोबाइल ऐप्लीकेशन के शुरू होने से पूर्व लोग अपनी पहचान सार्वजनिक हो जाने के भय से अपराधों और अपराधियों संबंधी सूचना पुलिस तक पहुंचाने से कतराते थे। इस मोबाइल ऐप्लीकेशन के शुरू होने से बहुत से लोग पुलिस को अपराध के बारे में सूचना देने के लिए आगे आएंगे, जिससे प्रदेश में अपराध को रोकने और अपराधियों का पता लगाने में मदद मिलेगी।
सजा दर बढ़ाने को आपराधिक जांच नियमावली
प्रदेश पुलिस अधिकारियों की अन्वेषण क्षमताओं को और अधिक बढ़ाने के उद्देश्य से समय-समय पर प्रशिक्षण प्रदान करती है एवं मानक संचालन प्रक्रिया जारी कर गुणवत्ता बढ़ाने का प्रयास करती रही है। अलग-अलग समय में जारी किए जाने के कारण एवं अन्वेषण की तकनीकों में नवीकरण होने के कारण यह महसूस किया गया है कि आपराधिक अन्वेषण की नियमावली को बनाया जाए जिसमें कि ऐसे महत्वपूर्ण एवं संवेदनशील मामलों के अन्वेषण से संबंधित बारीक से बारीक जानकारी एक किताब में हासिल की जा सके। इसके लिए प्रदेश में एकमात्र प्रशिक्षण संस्थान महाविद्यालय डरोह में है। इससे सजा दर बढ़ाने में मदद मिलेगी।