हिमाचल दस्तक : पांवटा साहिब : अनुराग गुप्ता
वैश्विक महामारी के चलते सभी जगहों से भारी मात्रा में प्रवासी मजदूर रोजगार ना होने और अपने परिवार का पालन-पोषण ना कर पाने से अपने-अपने घरों की ओर पैदल ही निकल पड़े हैं।
पांवटा के सतौन से भी करीब 28 प्रवासी मजदूर अपने परिवारों के साथ पैदल ही अपने राज्य यूपी, बिहार के लिए छोटे बच्चों को गोद में उठाकर निकल पड़े। जब ये लोग यमुना नदी पार कर उत्तराखंड के बॉर्डर हर्बटपुर पहुंचे तो उत्तराखंड पुलिस ने कोई मान्य पास नहीं होने पर इन्हें आगे नहीं जाने दिया। इसके बाद ये सभी लोग देर रात पांवटा पहुंच गए और नगरपालिका मैदान में जमा हो गए। शहर के कुछ स्थानीय लोगों ने इन्हें देखा व इनसे पूछताछ की तो उन्होंने आपबीती सुनाई। इसके बाद बीजेपी के मंडल अध्यक्ष अरविंद गुप्ता वहां पहुंचे।
उन्होंने उनकी पूरी बात सुनी जिसके बाद उन्होंने उनकी समस्या के बारे में एसडीएम पांवटा एलआर वर्मा को बताया। अब इन प्रवासी मजदूरों के रहने व खाने की व्यवस्था पांवटा साहिब गुरुद्वारे में की गई है। एसडीएम एलआर वर्मा ने बताया कि इनमें से 20 प्रवासी मजदूर जो सतौन से आए थे, को वापस जहां वे काम करते थे, उनके ठेकेदार के साथ भेज दिया है। ठेकेदार ने उन्हें दोबारा काम पर रख लिया है। राजगढ़ से आए मजदूरों को उनके राज्य में भेजने की व्यवस्था की जा रही है। जब तक व्यवस्था नहीं होती तब ये सभी श्री गुरुद्वारा पांवटा साहिब में बने शेल्टर होम में ही रहेंगे।