दिनेश कुमार । करसोग
प्रदेश में गर्भवती महिलाओं के लिए शुरू की गई जननी सुरक्षा योजना सरकारी अस्पतालों में ही दम तोड़ रही है। इसका बड़ा उदाहरण करसोग का सिविल अस्पताल है। यहां रविवार को उपमंडल के तहत चुराग के मंडोली गांव से भूपेश कुमार अपनी पत्नी स्नेहा कुमारी को प्रसव के लिए सिविल अस्पताल लाया था। बताया जा रहा है कि महिला को प्रसव के लिए 22 अगस्त की तारीख दी गई थी।
ऐसे में गर्भवती महिला स्नेहा कुमारी को जांच करवाने सहित प्रसव के लिए सिविल अस्पताल लाया गया, लेकिन यहां पर डॉक्टर ने प्रसव के लिए आधुनिक उपकरण की सुविधा न होने का तर्क देकर गर्भवती महिला को शिमला स्थित कमला नेहरू अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। जिस पर महिला के पति सहित साथ आए परिजनों ने अस्पताल से एबुलेंस के लिए संपर्क किया, लेकिन परिसर में चार एबुलेंस खड़ी होने के बाद भी गर्भवती महिला को एबुलेंस सेवा देने से मना किया गया।
जिसके बाद परिजनों ने 108 पर संपर्क साधा, लेकिन 108 वाले संबंधित डॉक्टर से बात करना चाहते थे। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर ने 108 में लाइन पर उपस्थित व्यक्ति से भी बात करने से मना कर दिया।
ऐसे में गर्भवती महिला को एबुलेंस सुविधा न मिलने से सरकार की जननी सुरक्षा योजना पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं।
वहीं बीएमओ करसोग डॉ कवंर गुलेरिया का कहना है कि अभी मीटिंग के लिए मंडी आया हूं। इस मामले पर रिपोर्ट ली जाएगी।